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रेल डिब्बों में जैविक शौचालय लगेंगे

भुवनेश्वर | एजेंसी: भारतीय रेल के सभी यात्री डिब्बों में से 31 मार्च, 2022 तक पुरानी शैली के शौचालय हटा दिए जाएंगे. जिनमें मल विसर्जन सीधे पटरी पर होता है. यह बात भारतीय रेल के शीर्ष अधिकारी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से कही.

दिसंबर 2013 में ओडिशा के मानवाधिकार कार्यकर्ता अखंड ने पुरानी शैली वाले शौचालय हटाए जाने के लिए एक याचिका दाखिल की थी.

अखंड ने कहा कि उनकी याचिका पर आयोग ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को एक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा.

उन्होंने बताया कि बोर्ड निदेशक, मेकेनिकल इंजीनियरिंग बी.के. झा ने हाल ही में आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय रेल ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के साथ मिलकर डिब्बों में जैविक शौचालय लगाने का फैसला किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2013 तक 2,774 डिब्बों में 7,000 से अधिक जैविक शौचालय लगाए जा चुके हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय रेल सभी डिब्बों में जैविक शौचालय लगाए जाने के लिए पूरा प्रयत्न कर रहा है, फिर भी 50,000 डिब्बों में जैविक शौचालय लगाना एक कठिन काम है.”

रिपोर्ट की एक प्रति आईएएनएस के पास भी है. इसमें कहा गया है, “भारतीय रेल 2016-17 तक पुरानी शैली के शौचालय वाले डिब्बों का उत्पादन बंद कर देगा और यदि कोई बाधा नहीं आई तो 2021-22 तक सभी यात्री रेल डिब्बों में से इन शौचालयों को हटा देगा.”

इन जैविक शौचालयों की खूबी यह होती है कि इनसे बदबू नहीं फैलती तथा यह साफ-सुथरे होते हैं.

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