नवाज़ को महंगी पड़ी उधारी
तेहरान | समाचार डेस्क: पुरानी उधारी के कारण पाक पीएम नवाज शरीफ़ को शर्मिंदा होना पड़ा. बीते मई माह में तेहरान एयरपोर्ट पर उस समय कोहराम मच गया जब ईरानी अधिकारियों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के हवाई जहाज को ईंधन देने से इंकार कर दिया तथा पुरानी उधारी न चुकाने तक उनके हवाई जहाज को उड़ने की अनुमति देने से इंकार कर दिया. आखिरकार पाक अधिकारियों ने ईरान को 5,646 डॉलर की रकम चुक्ता करके मुसीबत से छुटकारा पाया.
गौरतलब है कि जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ का हवाई जहाज ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचा तथा उसमें ईंधन भरने के लिये कहा तो यह घटना घटित हुई. कूटनीतिज्ञ हल्कों में इस बात को लेकर चर्चाओं का माहौल गर्म है कि आखिरकार किसके कहने पर ईरानी एयरपोर्ट के अधिकारियों ने एक देश के शासनाध्यक्ष के हवाई जहाज को पुरानी उधारी के नाम पर बंधक सा बना लिया था. पी.आई.ए. के एक सीनियर अफसर के अनुसार, यह बकाया पीके-788 फ्लाइट का था जो तय समय सीमा के 4 महीने बीत जाने के बाद भी चुकाया नहीं जा सका था. पूरे मामले से पाकिस्तानी सरकार को शर्मिंदगी से बचाने के लिए तुरंत पी.आई.ए. के टॉप बॉसेज को फोन पर जानकारी दी गई और फिर तेहरान स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने बकाया चुकाया.
सूत्रों के अनुसार पाक प्रधानमंत्री के साथ घटना 12 मई 2014 का है तथा उसे 18 जनवरी 2014 के बकाया राशि के लिये रोक दिया गया था. बताया जा रहा है कि 18 जनवरी 2014 को वह विमान कराची लौट रहा था, तभी रास्ते में एक यात्री अब्दुल जब्बार अब्बासी की तबीयत खराब हो गई. विमान को आपातकाल में तेहरान एयरपोर्ट पर उतारने की अनुमति मांगी गई. विमान तेहरान पर लैंड किया और ईरान एयर ने अब्बासी के लिए एंबुलेंस से लेकर उन्हें अस्पताल पहुंचने तक का बंदोस्त किया. हालांकि बाद में अब्बासी की मौत हो गई. पांच हजार डॉलर का यह बिल विमान की लैंडिंग, पार्किंग और फ्यूलिंग का है.
इस खबर के मीडिया में आने से पाकिस्तानी अधिकारियों को शर्मिंदा होना पड़ रहा है कि उनकी लापरवाही के कारण प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को तेहरान एयरपोर्ट पर रोक के रखा गया था. हालांकि, पाक अधिकारी ऐसी किसी भी घटना से इंकार कर रहें हैं परन्तु मीडिया में यह खबर सुर्खियां बटोर रहा है.