सीपत पावर प्लांट राष्ट्र को समर्पित
बिलासपुर | संवाददाता: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एनटीपीसी पावर प्लांट को राष्ट्र को समर्पित किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने रायगढ़ जिले में स्थित एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर परियोजना की 1600 मेगावाट के प्रथम चरण का भी रिमोट से शिलान्यास किया.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि हमारे देश के तेज़ आर्थिक विकास के लिए वाजिब दामों पर बिजली की पर्याप्त उपलब्धता बेहद ज़रूरी है. चाहे कृषि हो या उद्योग या सेवा क्षेत्र, बिना बिजली के अर्थव्यवस्था का कोई भी क्षेत्र मज़बूत नहीं बन सकता है. हालांकि सीपत और लारा विद्युत संयत्र से देश के अन्य हिस्सों में भी बिजली की आपूर्ति की जाएगी लेकिन इनका खास फायदा आपके सुंदर राज्य छत्तीसगढ़ को मिलेगा.
उन्होंने कहा कि सीपत और लारा विद्युत संयत्र की बदौलत बड़ी मात्रा में बिजली मिलने के अलावा राज्य सरकार को इनसे आमदनी भी होगी जिसे वह विकास के कामों में लगा सकती है. मेरा मानना है कि बिलासपुर और रायगढ़ जिलों की जनता को इन दो विद्युत संयत्र से सबसे अधिक लाभ होगा, विशेष रूप से रोज़गार के नए-नए अवसर पैदा होने के ज़रिए.
मनमोहन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से मालामाल राज्य है. हमारी सरकार जानती है कि इस राज्य में विकास की बहुत सारी संभावनाएं हैं. हमने बराबर यह कोशिश की है कि विकास की इस क्षमता का पूरा फ़ायदा यहाँ की जनता को मिल सके.
प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बिजली उत्पादन की मौजूदा क्षमता में से एनटीपीसी का हिस्सा एक तिहाई से भी ज़्यादा है. यह कंपनी राज्य में लगभग 17000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है और भविष्य में लगभग 23000 करोड़ रुपये का और निवेश करने की योजना बनाई है . जैसा आप सब जानते हैं कि कोरबा को राज्य की विद्युत राजधानी माना जाता है. कोरबा में अधिकतर बिजली उत्पादन एनटीपीसी द्वारा ही किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि एनटीपीसी ने राज्य में अपनी कॉर्पोरेट जिम्मेदारी के तहत कोरबा के पास पाली के आईटीआई और रायगढ़ के पास पसोर के आईटीआई को अपनी देखरेख में ले लिया है. बलोदा, सीपत और कोरबा में भी एनटीपीसी की नए आईटीआई स्थापित करने की योजना है. इसके अलावा, एनटीपीसी रायपुर में भारतीय सूचना तकनीक संस्थान की स्थापना, रायगढ़ मेडिकल कालेज के निर्माण और कोरबा में एक इंजीनियरिंग कॉलेज निर्माण में भी सहायता करेगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने बड़े पैमाने पर देश में बिजली के उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने की भरपूर कोशिश की है. 11वीं योजना में देश में उत्पादन क्षमता में 55000MW की रिकार्ड बढ़ोत्तरी हुई. जो 10वीं योजना के दौरान हुई बढ़ोत्तरी क्षमता से दुगुनी से भी ज्यादा है . एनटीपीसी ने इस कोशिश में 9500MW से ज़्यादा का योगदान दिया है. 12वीं योजना के दौरान हमारा लक्ष्य है कि हम देश में लगभग 118000MW बिजली उत्पादन की नई क्षमता पैदा करें.
उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन की लागत को कम रखने और उससे पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम करने की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने देश में सुपर क्रिटिकल विद्युत संयत्र के साजो सामान के उत्पादन को आसान बनाने का काम भी शुरू किया है. इसकी वजह से दुनिया की सभी बड़ी बिजली कंपनियों ने भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर भारत में विश्वी स्तेरीय तकनीक वाले प्लान्ट लगाने की इच्छा जाहिर की है. हमने यह शर्त रखी है कि सुपर क्रिटिकल इकाईयों को भारत में ही तैयार किया जाए और निविदा में सफल होने वाली कंपनियां पूरे तौर पर तकनीक भारतीय कंपनियों को सौंपे.
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विद्युत राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, कृषि राज्यमंत्री समेत राज्य के कई मंत्री, सांसद व विधायक उपस्थित थे.