अचानकमार में गौठान पर केंद्र ने मांगी रिपोर्ट
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर इलाके में कई गौठान बनाये जाने को लेकर केंद्र सरकार ने राज्य से जवाब तलब किया है. पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ से 25 फरवरी तक जवाब पेश करने के लिए कहा है.
गौरतलब है कि मुंगेली ज़िले के अचानकमार टाइगर रिजर्व में राज्य सरकार ने पालतु पशुओं के लिए लगभग 25-25 लाख रुपये की लागत से गौठान का निर्माण किया था.
छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार आलोक पुतुल ने एक ट्वीट में, अचानकमार टाइगर रिज़र्व के कोर इलाके में दो गौठानों की कुछ तस्वीर के साथ सवाल उठाये थे.
छत्तीसगढ़ में पालतू पशुओं के लिए ‘गौठान’ बनाने की इतनी हड़बड़ी है कि अचानकमार टाइगर रिज़र्व के भीतर, कोर एरिया में बीस-बीस लाख की लागत से गौठान बना दिये गये हैं. नींद से उठिए महाराज !@ntca_india @PrakashJavdekar @SPYadavIFS @prernabindra @BittuSahgal @RandeepHooda @SLTPtigers pic.twitter.com/c1a1t96Nn8
— Alok Putul (@thealokputul) February 19, 2021
ट्वीट के घंटे भर के भीतर ही राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण के सहायक वन महानिरीक्षक डॉ. वैभव चंद्र माथुर ने छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को पत्र क्रमांक F. No. 1-3/2009-NTCA लिख कर 25 फरवरी तक पूरे मामले की वस्तुस्थिति से अवगत कराने के लिए पत्र लिखा.
ज्ञात रहे कि अचानकमार टाइगर रिज़र्व के कोर इलाके में गौठान का निर्माण होने और वहां पालतु पशुओं के रखे जाने की ख़बर सार्वजनिक हुई तो वन विभाग ने एक फॉरेस्ट गार्ड को 14 दिन के लिए निलंबित किया और उसके बाद मामले को रफा-दफा कर दिया.
इन गौठानों के निर्माण के लिए महीनों तक अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर इलाके में निर्माण सामग्री की ढुलाई हुई और बड़ी संख्या में मज़दूरों ने काम किया. जाहिर है, इसकी ख़बर वन विभाग के शीर्ष अधिकारियों को भी रही होगी. लेकिन एक फॉरेस्ट गार्ड को महज 14 दिन के लिए निलंबित करके मामले की लीपापोती करने की कोशिश की गई.
एक वेबसाइट से बात करते हुये मुंगेली ज़िले के कलेक्टर पीएस एल्मा ने साफ तौर पर कहा-“गायों की सुरक्षा के लिए इस योजना के तहत दो गौठान का निर्माण किया गया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि क्षेत्र में रहने वाले लोगों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े और सरकारी नीतियों का लाभ भी मिल सके.”
कलेक्टर के वक्तव्य से साफ़ है कि इस गौठान के निर्माण की जानकारी बड़े अधिकारियों को भी थी. सीजी खबर के पास इन गौठानों के निर्माण से संबंधित आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध है, जिससे यह पता चलता है कि अधिकारियों की जानकारी में अचानकमार के कोर इलाके में इन गौठानों का निर्माण किया गया.
ज़ाहिर है, छत्तीसगढ़ का वन विभाग, राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण को क्या जवाब भेजता है, सबकी नज़रें उस पर लगी हुई हैं.
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