देश में सबसे महंगा एनपीके खाद छत्तीसगढ़ में
रायपुर | संवाददाता: देश में सबसे महंगा फास्फेटयुक्त एवं पोटाशयुक्त उर्वरक एनपीके, छत्तीसगढ़ में किसानों को बेचा जा रहा है. अव्वल तो किसान एनपीके के उपयोग को लेकर आशंकित हैं, दूसरी ओर उन्हें अन्य खाद की जगह देश में सर्वाधिक महंगा एनपीके थमाया जा रहा है.
गौरतलब है कि एनपीके को डीएपी का विकल्प माना जाता है. डीएपी में नाइट्रोजन और फास्फोरस का मिश्रण होता है. एनपीके में N (नाइट्रोजन) P (फॉसफोरस) K (पोटैशियम) का मिश्रण होता है, जिसके कारण इसे एनपीके कहा जाता है.
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एनपीके का परिणाम डीएपी से अच्छा है क्योकि एनपीके संतुलित उर्वरक है.
एनपीके में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का मिश्रण कर बनाया गया है. इसमें पौधों को बढ़ने के लिए तीन आवश्यक पोषक तत्व शामिल हैं. जिससे धान के तने मजबूत होते हैं और कंसा भी अधिक मिलते हैं. धान में कीट-पतंगों का प्रकोप भी कम होता है.
एनपीके खाद कई तरह के अनुपात में आते हैं.
इसमें पहला अंक नाईट्रोजन, दूसरा अंक फास्फोरस तथा तीसरा अंक पोटेशियम की मात्रा को दर्शाता है.
केंद्र सरकार के आंकड़े बताते हैं कि देश में एनपीके 10-26-26 के लिए अलग-अलग क़ीमत रखी गई है. पंजाब जैसे राज्य में एनपीके 10-26-26 की 50 किलो की बोरी का औसत बिक्री मूल्य महज 1339.90 रुपये है.
वहीं त्रिपुरा जैसे राज्य में इसकी क़ीमत 1396.62 रुपये है.
लेकिन पूरे देश में, छत्तीसगढ़ में इसकी सर्वाधिक क़ीमत है.
केंद्र सरकार के अनुसार छत्तीसगढ़ के किसानों से 50 किलोग्राम एनपीके 10-26-26 के लिए, 1466.80 रुपये वसूले जा रहे हैं.
इस तरह पंजाब के मुकाबले, छत्तीसगढ़ के किसानों को प्रति 50 किलो के लिए, 126.9 रुपये अतिरिक्त देने पड़ रहे हैं.
हमने इस बारे में राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों से इस क़ीमत के गणित के बारे में जानना चाहा लेकिन हमें उनका पक्ष नहीं मिल पाया.