यहां टिकट नही मिलती
रायपुर । एजेंसी: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने अपने बंगले के द्वार पर एक नोटिस बोर्ड ही लगवा दिया, जिस पर लिखा है-टिकट के लिए मुझ से नहीं, मेरे छोटे भाई (प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चरणदास महंत) से संपर्क करें. इस प्रकार अजीत जोगी व्यंगात्मक रूप से यह जतलाना चाहते हैं कि पार्टी में अब उन्हे पहले के समान महत्व नही दिया जा रहा है.
विदित हो कि जोगी के आदिवासी मुहिम के बावजूद उनके राजनीतिक विरोधी व केंद्रीय मंत्री डॉ. चरणदास महंत को पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाकर आलाकमान ने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है और महंत को फ्रीहैंड भी दे दिया है. महंत ने भी अध्यक्ष बनने के बाद जोगी को अपना बड़ा भाई बताया है. इन दिनों जोगी व महंत एक दूसरे पर भाई-भाई कहकर निशाना भी साध रहे हैं.
एक बार फिर जोगी ने यह बोर्ड लगाकर यह जताने की कोशिश की है कि वे अपने कथित छोटे भाई के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं ताकि पार्टी में गुटबाजी को रोकी जा सके और प्रदेश की सत्ता पर कांग्रेस काबिज हो सके. इस बात का भरोसा जोगी ने पार्टी हाईकमान को भी दिलाया है.
जोगी बंगले के करीबी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संगठन द्वारा अपनी उपेक्षा से नाराज चल रहे जोगी ने शुक्रवार को अपने बेटे अमित जोगी को स्पष्ट निर्देश दिया था कि बंगले में एक नोटिस बोर्ड लगाकर टिकट के दावेदारों को उनसे नहीं, बल्कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष महंत से मिलने के लिए कहा जाए.
दो दिन पूर्व दिल्ली से लौटने पर समर्थकों ने जोगी का जोरदार स्वागत किया था. टिकट के दावेदारों को उम्मीद थी कि हर बार की तरह इस बार भी जोगी ही उनकी नैया पार लगाएंगे, पर अनुग्रह बंगले में जोगी के तेवर देखकर समर्थकों को खासी निराशा हुई. बंगले के गेट पर लगे सूचना बोर्ड को देखकर उनके कट्टर समर्थक विधायक भी पसोपेश में हैं.
गौरतलब है कि जोगी पखवाड़ेभर से दिल्ली में ही आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष की मुहिम को आगे बढ़ाने में लगे थे. इस दौरान उनकी आलाकमान से दो बार मुलाकात हुई. इस बीच उन्हें गुजरात का राज्यपाल बनाने के प्रस्ताव की चर्चा है.