नक्सलियों से नहीं होगी बातचीत
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: सरकार नक्सलियों से बात नहीं करेगी, बल्कि एक संतुलित नज़रिया अपनाएगी. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि नक्सली हमले करते हैं तो सुरक्षा बल जवाबी कार्रवाई करेंगे. राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि नक्सल विरोधी अभियानों में लगे सुरक्षा बलों को केंद्र अतिरिक्त भत्ता देगा.
माओवादियों के मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में राज्य सरकारों की बैठक के बाद एक बयान में गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया कि नक्सली बातचीत में विश्वास नहीं रखते. इसलिए सरकार उनसे कोई बातचीत नहीं करेगी.
बयान में कहा गया है कि नक्सलवाद को कुचलने के लिए एक विशेष फोर्स बनाई जाएगी, जो कि पूरी तरह से केंद्र सरकार की ओर से सहायता प्राप्त होगी. आंध्र प्रदेश, ओडि़शा और छत्तीसगढ़ से नक्सलियों के सफाए को प्राथमिकता दी जाएगी. आदिवासी इलाके में स्किल डेवलपमेंट पर भी जोर रहेगा. झारखंड और बिहार नक्सलियों से बेहतर तरीके से नहीं निपट पा रहे हैं. छत्तीसगढ़ औसत है. ओडिशा व महाराष्ट्र बेहतर तरीके से निपट रहे हें. ओडिशा और छत्तीसगढ़ ने हेलीकॉप्टर मंगाए हैं. छत्तीसगढ़ ने 2 हेलीकॉप्टर मंगाए हैं. इन राज्यों की ये मांग रक्षा मंत्रालय तक पहुंचा दी गई है.
बैठक के दौरान सरकार ने भविष्य की नक्सल विरोधी रणनीति पर चर्चा की और इन इलाक़ों में सड़क परियोजनाओं और 2,199 मोबाइल टॉवरों को लगाए जाने से संबंधित एकीकृत कार्ययोजना का ख़ाका पेश किया गया. लगभग दस हज़ार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली पांच हज़ार किमी लंबी सड़कों का निर्माण अभी कई चरणों में चल रहा है और 3,000 करोड़ रुपए की लागत से मोबाइल फ़ोन टॉवरों के निर्माण की योजना अभी शुरू की जानी है.
गृह मंत्रालय की इस बैठक में इस बैठक में 10 राज्यों छत्तीसगढ, ओडि़शा, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के डीजीपी और सचिव शामिल हुए. बैठक में राज्यों के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशकों ने अपने-अपने राज्य में नक्सल हिंसा की स्थिति, उससे निपटने के उपायों और आदिवासी इलाकों में विकास योजनाओं का ब्योरा पेश किया.