आईएमएफ के पास जाने की जरूरत नहीं : मोंटेक
नई दिल्ली | एजेंसी: योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने गिरते रुपये को थामने के लिये आईएमफ के पास जाने की बाच खारिज कर दिया है. मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने शनिवार को कहा कि कमजोर पड़ते रुपये की गिरावट थामने के लिए भारत को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की मदद की जरूरत नहीं है. ज्ञात्वय रहे कि पिछले तीन महीने के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया करीब 20 प्रतिशत गिर चुका है.
दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में मोंटेक ने कहा, “मैं नहीं समझता कि मौजूदा आर्थिक स्थिति हमें आईएमएफ के पास जाने के लिए मजबूर करती है. मैं ऐसी स्थिति की कल्पना निकट भविष्य में भी नहीं करता.”
चालू वित्त वर्ष में भारतीय मुद्रा रुपया डॉलर के मुकाबले करीब 20 प्रतिशत कमजोर हुआ है. अगस्त माह के अंतिम सप्ताह के शुरू में डॉलर के मुकाबले रुपया रिकार्ड 68.85 पर पहुंच गया.
कुछ विश्लेषकों ने हाल के मुद्रा बाजार की अस्थिरता की तुलना 1991 के भुगतान संतुलन संकट से की है. उस समय अपने आयात व्यय का भुगतान करने के लिए देश को अपना सोना आईएमएफ के पास गिरवी रखने पर मजबूर होना पड़ा था.
अहलूवालिया ने कहा कि रुपये के मोल में गिरावट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर मिश्रित असर पड़ेगा. एक हिस्से को इसका लाभ मिलेगा तो दूसरे हिस्से को नुकसान होगा.
उन्होंने कहा, “गिरावट से कुछ लोगों को नुकसान होगा तो अन्य को लाभ मिलेगा. यह हमारे निर्यात को मजबूत स्थिति में लाएगा.”