इबोला प्रभावित देशों को हज का वीजा नहीं
दोहा | समाचार डेस्क: इबोला ने अपने पैर अफ्रीका से लेकर सऊदी अरब तक पसार लिये हैं. सऊदी अरब में इबोला वायरस से संक्रमित व्यक्ति की मौत हो चुकी है. इससे सऊदी सरकार सतर्त हो गई है तथा निर्णय लिया गया है कि हज के लिये उन देशों के लोगों को वीजा न दिया जाये जहां इबोला वायरस फैला हुआ है. गौरतलब है कि हज में दुनिया भर से लाखों लोग जाते हैं तथा यदि एक बार हज यात्रियों में इबोला वायरस का संक्रमण हो गया तो इसके जद में पूरी दुनिया के आ जाने की आशंका होगी.
इसी लिये सऊदी सरकार ने खतरनाक इबोला विषाणु से प्रभावित देशों के लोगों को हज और उमरा के लिए वीजा जारी करने पर रोक लगा दी है. सऊदी सरकार ने मीडिया में एक और मामला पाए जाने की खबरों का खंडन किया है. डब्ल्यूएचओ ने भी इस बीमारी को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपात घोषित कर दिया है.
समाचार पत्र ‘द पेनिंसुला’ के मुताबिक, सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि उसने गुरुवार को इबोला से मारे गए सऊदी नागरिक के संपर्क में आने वालों का संगरोधन शुरू कर दिया है.
इन सभी लोगों को 21 दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा. मंत्रालय ने कहा है कि यह अवधि विषाणु के पांव पसारने की होती है. मंत्रालय ने कहा है कि देश में इबोला का कोई नया संदिग्ध मामला नहीं है. मंत्रालय ने जेद्दा में एक नया मामला सामने आने की खबरों का खंडन किया.
उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पश्चिमी अफ्रीकी देशों में इबोला विषाणु बीमारी प्रकोप को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपात घोषित कर दिया है. इस बीमारी से अब तक 1,711 लोग प्रभावित हुए हैं.
आपात समिति की दो दिनों तक चली बैठक के बाद डब्ल्यूएचओ ने एक बयान जारी कर कहा है, “इबोला के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसार रोकने के लिए एक समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिसाद की आवश्यकता प्रतीत होती है.”
बयान में कहा गया है, “समिति में इस बात को लेकर आम राय है कि इबोला बीमारी के सामने आने के बाद की स्थिति हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न जैसी है.”
इसमें उल्लेख किया गया है कि पश्चिम अफ्रीका में इबोला प्रकोप एक अत्यंत ‘असाधारण घटना’ पैदा करती है और दूसरे देशों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करती है.
डब्ल्यूएचओ ने बयान में कहा है, “इस बीमारी के विषाणु की उग्रता, सघन सामुदायिक और स्वास्थ्य सुविधा संक्रमण प्रारूप और वर्तमान में जहां यह प्रकोप फैला है वहां और जिन देशों पर खतरा है वहां की कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली को देखते हुए इसके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसार होने की आशंका है.”
इबोला प्रकोप की शुरुआत दिसंबर 2013 में गिनी में हुई थी. अभी तक इसने लाइबेरिया, नाइजीरिया और गिनी के अलावा सिएरा लियोन को अपनी चपेट में ले लिया है.
इस बीमारी का विषाणु संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ के सीधे संपर्क में आने से फैलता है. इबोला से संक्रमित होमे से सबसे खतरनाक बात यह है कि इसमें से 90 फीसदी की मौत हो जाती है. इस वायरस का अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं है.