छत्तीसगढ़

महिला की मौत ‘सेप्टिक शॉक विथ एक्यूट किडनी इन्ज्यूरी विथ सर्वेयर मेटाबोलिक एसिडोसिस एण्ड एक्यूट गैस्ट्रोएन्टेराइटिस विथ आईयूडी’ से

रायपुर। संवाददाताः छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के बोडला विकासखंड के ग्राम सोनवाही में तीन बैगा आदिवासियों की डायरिया से मौत के मामले को जिला प्रशासन ने नकार दिया है.

कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देश पर बनी तीन सदस्यीय जांच टीम ने गुरूवार को कलेक्टर को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी.

इस रिपोर्ट में तीनों की मौत के अलग-अलग कारण गिनाए गए हैं.

राज्य सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार जांच रिपोर्ट में 29 वर्षीय अनिता बैगा, पिता महासिंह बैगा की मौत सेप्टिक शॉक विथ एक्यूट किडनी इन्ज्यूरी विथ सर्वेयर मेटाबूलिक एसिडोसिस एण्ड एक्यूट गैस्ट्रोएन्टेराइटिस विथ आईयूडी के कारण होना बताया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक अनिता बैगा 6 माह की गर्भवती थी. उसे उल्टी-दस्त बुखार एवं रक्त स्त्राव की समस्या के कारण 14 जुलाई को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झलमला में भर्ती कराया गया था.

स्थिति में सुधार नहीं होने के कारण उसे जिला अस्पताल कवर्धा रेफर किया गया.

जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुधार नहीं होने के कारण उसे डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.

जांच रिपोर्ट में 75 वर्षीय पनकिन बाई पति नन्हुआ सिंह के बारे में बताया गया है कि वह पिछले कुछ वर्षों से लकवा रोक से ग्रसित थी, जिसके कारण चल-फिर नहीं पा रही थी.

धीरे-धीरे शारीरिक कमजोरी बढ़ने से घर पर ही उसकी मौत हो गई. वह डायरिया से पीड़ित नहीं थी.

इसी तरह जांच रिपोर्ट में 70 वर्षीय सोमबाई पति सुमेर सिंह बैगा को भी पिछले दो वर्षों से लकवा ग्रस्त बताया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, उसे खाना खाने में बहुत तकलीफ हो रही थी. पिछले 20 दिनों से वह खाना नहीं खा पा रही थी. मृत्यु के समय उसे किसी भी प्रकार की अन्य बीमारी नहीं थी.

परिजन और ग्रामीणों से पूछताछ कर बनाई गई रिपोर्ट

कबीरधाम कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि बोडला विकासखंड के ग्राम सोनवाही के आश्रित पारा-टोला सरेंडा में तीन ग्रामीणों की मृत्यु होने की सूचना मिली थी.

जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग, पीएचई और अनुविभागीय अधिकारी बोडला के साथ सरेंडा गांव पहुंचे थे और पीड़ित परिवारों से मिलकर उनके स्वास्थ्य परीक्षण, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति पर चर्चा की थी.

ग्रामीणों की मृत्यु की वास्तविक कारणों की जांच के लिए मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी, कार्यपालन अभियंता पीएचई और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बोडला की तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई थी.

जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें तीनों की मौत का अलग-अलग कारण सामने आए हैं.

जांच रिपोर्ट में सरेंडा गांव में मृतक के परिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ के बाद रिपोर्ट तैयार की गई है.

कलेक्टर के निर्देश पर सरेंडा ग्राम में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है.

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