‘अलीगढ़’ पर बैन नहीं
नई दिल्ली | मनोरंजन डेस्क: फिल्म ‘अलीगढ़’ के निर्देशक हंसल मेहता ने साफ कर दिया है कि इस पर कोई बैन नहीं लगाई गई है. उन्होंने स्वीकार किया कि अलीगढ़ शहर में इस फिल्म का प्रदर्शन रोकने की कोशिश की जा रही है. उल्लेखनीय है कि अलीगढ़ की मेयर इस अभियान की अगुवाई कर रही है. मेयर का कहना है कि उन्हें फिल्म की कहानी से कोई ऐतराज नहीं है उनका विरोध फिल्म के नाम को लेकर है. मेयर ने कहा इस फिल्म का कोई दूसरा नाम भई तो रखा जा सकता था. मनोज बाजपेयी अभिनीत हालिया रिलीज ‘अलीगढ़’ फिल्म अलीगढ़ में प्रदर्शित न होने देने की खबर है. ऐसे में फिल्म के निर्देशक हंसल मेहता ने कहा है कि यह आधिकारिक रोक नहीं जान पड़ती. फिल्म अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्रीनिवास रामचंद्र सिरस की जिंदगी की वास्तविक घटना पर आधारित है, जिन्हें समान लैंगिक रुझान के कारण नौकरी से निलंबित कर दिया गया था.
रिपोर्टों के अनुसार, एक आंचलिक समूह मिल्लत बेदारी मुहिम कमेटी ने सिनेमाघर के मालिकों पर इसे अलीगढ़ के सिनेमाघरों में न दिखाने का दबाव बनाया है.
अलीगढ़ की महापौर शकुंतला भारती ने भी समूह की ओर से फिल्म के प्रदर्शन पर लगाए गए बंद का समर्थन किया है.
हंसल ने कहा, “यह आधिकारिक रोक नहीं जान पड़ती. इस मामले में एक आंचलिक समूह मिल्लत बेदारी मुहिम कमेटी को महापौर का समर्थन है. हम इस बात पर कायम हैं कि अलीगढ़ शहर ने एक बार फिर प्रोफेसर सिरस को मार डाला.”
उन्होंने कहा कि वह इस मसले पर अपनी कानूनी टीम से चर्चा कर रहे हैं, लेकिन वह कुछ ऐसा नहीं कर सकते, जिससे कानून-व्यवस्था प्रभावित हो.