नीतीश के ‘विचार’, बिहार का विकास
पटना | समाचार डेस्क: नीतीश कुमार ने बिहार के विकास के लिये अपने ‘विचार’ को घोषणा पत्र के रूप में पेश किया है. इसमें जनता से उनके जीवन स्तर को ऊपर उटाने के सपने दिखाने के अलावा महिलाओं के लिये नौकरियों में 35 फीसदी आरक्षण की घोषणा की गई है. इस घोषणा पत्र में युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की बात भी कही गई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में अगले पांच वर्षो के लिए घोषणा-पत्र जारी कर दिया है. इस घोषणा पत्र में उन्होंने सात योजनाओं की घोषणा करते हुए कहा कि ये काम करना उनका उद्देश्य है और अगले पांच वर्षो में बिहार के विकास के लिए दो लाख 70 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
नीतीश ने शुक्रवार को पटना के संवाद भवन में अपनी सरकार की अगले पांच वर्षो की योजनाओं पर कहा, “अगले पांच वर्षो में बिहार और तेजी से आगे बढ़ेगा. जो योजनाएं चल रही हैं, वे जारी रहेंगी. उनमें और सुधार किए जाएंगे.”
नीतीश ने इस क्रम में सात सूत्र, आर्थिक हल-युवाओं को बल, आरक्षित रोजगार- महिलाओं का अधिकार तथा हर घर बिजली लगातार और हर घर नल का जल समेत घर तक पक्की गली, शौचालय निर्माण-घर का सम्मान तथा अवसर बढ़ें-आगे पढ़ें को शामिल किया है.
नीतीश ने कहा कि अगर मौका मिला तो इन सात सूत्रों को ‘मिशन मोड’ में लागू करेंगे.
नीतीश ने वादा किया कि सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को आगे बढ़ाया जाएगा और संपर्कहीन जगहों को सड़क से जोड़ा जाएगा.
उन्होंने कहा, “बहुत कुछ किया गया है और आगे भी किया जाएगा. अगर अगले पांच वर्षो के लिए मौका मिला, तो बिहार विकास में कई कीर्तिमान स्थापित करेगा.”
उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि यह पार्टी या गठबंधन का घोषणा-पत्र नहीं, बल्कि उनके ‘विचार’ हैं.
मुख्यमंत्री द्वारा जारी घोषणा-पत्र में शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि अनेक बातों पर विशेष ध्यान दिया गया है.
घोषणा-पत्र में विद्यार्थियों के लिए ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड’ योजना शुरू करने और युवा बेरोजगारों को स्वयं सहायता भत्ता देने का वादा किया गया है.
राज्य के सभी घरों तक पाइप लाइन जलापूर्ति योजना की सुविधा उपलब्ध कराने का वादा किया गया है. सभी घरों में शौचालय बनवाने और बिजली पहुंचाने की भी बात कही गई है. राज्य में पांच वर्षो में मेडिकल कलेज खोलने सहित उच्च शिक्षा के लिए जिला और अनुमंडल स्तर पर उच्च शिक्षा समिति का गठन करने का वादा किया गया है.