गडकरी का इस्तीफे से इंकार
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: नितिन गडकरी ने कैग के हवाले से उन पर गड़बड़ी का आरोप लगा कांग्रेस द्वारा मांगे गये इस्तीफे से इंकार कर दिया है. कांग्रेस की मांग के कारण राज्यसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिये स्थगित करनी पड़ी. अपनी हिस्सेदारी वाले पूर्ति ग्रुप में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर उठे बवाल के बीच केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को ग्रुप या उनकी ओर से किसी तरह की गड़बड़ी से इंकार किया. मामले को लेकर कांग्रेस सांसदों के हंगामे व नारेबाजी के बीच गडकरी ने राज्यसभा में कहा, “कोई घोटाला या अनियमितता नहीं हुई.. पूर्ति ने सारे ऋण चुकता किए हैं. मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं है.”
उनकी यह प्रतिक्रिया कांग्रेस की ओर से उनके इस्तीफे की मांग पर आई. विपक्षी दल कांग्रेस ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, कैग की रिपोर्ट को लेकर गडकरी के इस्तीफे की मांग की. कैग की रिपोर्ट में नितिन की हिस्सेदारी वाले पूर्ति ग्रुप में वित्तीय अनियमितताओं की बात कही गई है. रिपोर्ट में गडकरी का उल्लेख पूर्ति साखर कारखाना लिमिटेड के प्रचारक और/या निदेशक के रूप में किया गया है, जिसे भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी, इरेडा ने दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर 84.12 करोड़ रुपये का ऋण दिया.
गडकरी के अपनी बात खत्म करते ही कांग्रेस सांसद विरोध-प्रदर्शन करने लगे. इस वजह से उप सभापति पी.जे. कुरियन ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी.
दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वे गडकरी की प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं.
आजाद ने कहा कि ऋण अलग-अलग उद्देश्यों के लिए लिया गया, लेकिन उसका इस्तेमाल ताप विद्युत पैदा करने के लिए हुआ.
इस पर केंद्रीय संसदीय मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “हम सिर्फ आपको संतुष्ट करने के लिए उनसे इस्तीफा नहीं ले सकते. भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है.”