निखिल सवानी से सकते में भाजपा
अहमदाबाद | न्यूज डेस्क: निखिल सवानी के भाजपा छोड़ने से पार्टी सकते में है. संकट ये है कि निखिल सवानी ने ऐसे समय में पार्टी छोड़ी है, जब गुजरात में विधानसभा चुनाव सर पर हैं. इतना ही नहीं निखिल ने पार्टी पर जितने गंभीर आरोप लगाये हैं, उसकी काट पार्टी को नहीं सूझ रही है.
गौरतलब है कि पाटीदार नेता नरेन्द्र पटेल ने भाजपा पर 1 करोड़ का लालच देने का आरोप लगाते हुये पार्टी छोड़ी थी. पटेल के सदमे से पार्टी उबर भी नहीं पाई थी कि अब निखिल सवानी ने भारतीय जनता पार्टी को बाय-बाय कह दिया.
निखिल ने पिछले महीने ही भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था. पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता निखिल की अपनी पहचान रही है. भाजपा उन्हें पार्टी में ला कर खुश भी थी लेकिन निखिल पार्टी में महीने भर भी नहीं टिक पाये.
भाजपा छोड़ने का ऐलान करते हुये सवानी ने कहा कि भाजपा ने जिन योजनाओं का ऐलान किया था, वो महज़ चुनावी हथकंडा साबित हुआ. सवानी ने कहा कि संगठन में खरीद-फरोख्त के लिए करोड़ों रुपये बांटे जा रहे हैं. ऐसे में पार्टी में नैतिक रुप से रहना ठीक नहीं है.
पाटीदार समाज के इस नेता ने कहा कि जो पाटीदारों के हित की बात करेगा, वे उनका समर्थन करेंगे. इस सिलसिले में वह कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से भी मिलेंगे.
सवानी ने कहा कि हार्दिक और मेरे बीच में मतभेद हो सकते हैं लेकिन मनभेद नहीं. मैंने पाटीदार समाज के हित में काम किया, पाटीदार समाज के हित के लिए ही भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ा था. लेकिन अब मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि भाजपा पाटीदार समाज के साथ वोटबैंक की राजनीति कर रही है, पाटीदारों को खरीदने की कोशिश कर रही है.
भारतीय जनता पार्टी के साथ मुश्किल ये है कि संगठन में एक के बाद एक मजबूत पाटीदार नेता पार्टी को अलविदा कह रहे हैं और वे कहीं ने कहीं कांग्रेस के साथ एकजुट होते जा रहे हैं. ऐसे में भाजपा के लिये गुजरात का चुनाव मुश्किलों से भरा साबित होगा, यह बात तो तय है.