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निफ्ट भोपाल पर यौन उत्पीड़न की कालीख

भोपाल | एजेंसी: भोपाल स्थित राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) कभी फैशन तकनीक की उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के लिए जाना जाता था, लेकिन आजकल यह उच्च शिक्षण संस्थान छात्राओं एवं प्राध्यापिका के यौन उत्पीड़न के कारण चर्चा में है.

केंद्र सरकार के अधीन आने वाला निफ्ट पिछले दो माह से विवादों में है. यहां के तत्कालीन संयुक्त निदेशक बसंत कोठारी पर छात्राओं और संस्थान की प्राध्यापिका ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इन आरोपों को कोठारी ने पहली बार खारिज कर दिया था. उसके बाद उनका तबादला भी यहां से हो चुका है.

पीड़ित छात्राओं ने बीते वर्ष दिसंबर में सिर्फ संस्थान के निदेशक से ही शिकायत नहीं की थी, बल्कि वे अपनी पीड़ा को लेकर राज्य महिला आयेाग तक जा पहुंची थीं. राज्य महिला आयोग ने इस मामले की जांच की और पीड़ितों मे बयान के आधार पर शिकायत को सही पाया, जिसके बाद संस्थान के महानिदेशक के दिल्ली कार्यालय को अपनी रिपोर्ट भेजी.

राज्य महिला आयेाग द्वारा निफ्ट के महानिदेशक को भेजी गई रिपोर्ट पर एक माह से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है, मगर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है. वहीं सोमवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चारुवाली खन्ना ने निफ्ट पहुंचकर न केवल पीड़ित छात्राओं से चर्चा की बल्कि संस्थान के प्रबंधन को ही कठघरे में खड़ा कर दिया.

खन्ना के अनुसार, संस्थान की छात्राएं सहमी हुई हैं और खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. उन्हें आशंका है कि यही हाल रहा तो पीड़ित छात्राएं अपने बयान से ही मुकर जाएंगी, लिहाजा आरोपी कोठारी पर कार्रवाई जल्द होनी चाहिए.

सोमवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य खन्ना के निफ्ट का दौरा किए जाने के बाद संस्थान की 15 और छात्राओं ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है. इस तरह संस्थान से यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वालों की संख्या 45 हो गई है.

राज्य महिला आयेाग की अध्यक्ष उपमा राय भी संस्थान के प्रबंधन के रवैये पर सवाल खड़े करती हुई कहती हैं कि कार्रवाई में देरी की जा रही है. इसके लिए दोषियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

राय ने बताया, “सोमवार को संस्थान की 15 अन्य छात्राओं ने भी यौन उत्पीड़न की शिकायत की है. इनकी शिकायत सुनने के बाद कोलार थाने के प्रभारी को उनके बयान दर्ज कराए गए हैं. आगामी दिनों में रिपोर्ट भी दर्ज हो जाएगी.”

कभी भोपाल की मान-प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला यह उच्च शिक्षण संस्थान अब राजधानी पर यौन उत्पीड़न का धब्बा बन चुका है. अब देखना है कि यौन उत्पीड़न की वजह से सुर्खियों में आए संस्थान की ओर से इस कालिख को साफ करने के लिए किस तरह के कदम उठाए जाते हैं.

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