छत्तीसगढ़

हसदेव की तीन कोयला खदानें कंपनियों ने वापस की

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित हसदेव अरण्य की तीन कोयला खदानों को कंपनियों ने वापस कर दिया है. अक्टूबर 2021 में हसदेव में खदानों के ख़िलाफ़आदिवासियों के हसदेव से रायपुर पैदल यात्रा के दबाव में राज्य सरकार को लेमरु हाथी रिजर्व घोषित करना पड़ा था.

इसके बाद से ही इन खदानों की सभी प्रक्रियाओं को रोकना पड़ा था.

अब कोरबा ज़िले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड में आवंटित तीन कोल ब्लॉक को कंपनियों ने वापस कर दिया है.

भूपेश सरकार ने अडानी को सौंपा था

जिन कोल ब्लॉक को वापस किया गया है, उनमें दो खदानें पतुरिया और गिधमुड़ी, छत्तीसगढ़ राज्य विधुत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित किया गया था.

इस कोल ब्लॉक के लिए सभी स्वीकृति हासिल करने, खनन और कोयला आपूर्ति के लिए तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार ने अदानी समूह से मई 2019 में एमडीओ अनुबंध किया था.

1751 हेक्टेयर इलाके में फैले इन दोनों कोयला खदानों में पतुरिया, गिधमुड़ी, मदनपुर और उच्चलेंगा जैसे गांव शामिल थे.

31 मई 2021 को केन्द्रीय कोयला मंत्रालय ने इस कोल ब्लॉक की भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की थी. इसके पर्यावरण और वन स्वीकृति की प्रक्रियाएं भी चल रही थीं.

आंध्र प्रदेश को आवंटित थी मदनपुर की कोयला खदान

मदनपुर साउथ कोल ब्लॉक, आंध्र प्रदेश मिनरल डेवलेपमेंट कारपोरेशन को आवंटित हुई थी.

इस कोयला खदान को एमडीओ के तहत आदित्य बिरला समूह को सौंपा गया था.

700 हेक्टेयर में फैले इस कोल ब्लॉक में मदनपुर, धजाक और मोरगा गाँव प्रभावित हो रहे थे.

इस कोल ब्लॉक के लिए भी भूमि अधिह्ग्रहण और वन स्वीकृति की प्रक्रिया जारी थी.

लेमरू के कारण रुकी प्रक्रिया

हसदेव अरण्य के 17 कोल ब्लॉक लेमरू हाथी रिजर्व की सीमा में आने के कारण, भूपेश बघेल की सरकार ने खनन या किसी भी नए कोल ब्लॉक के आवंटन को रोकने के लिए केंद्र से अनुरोध किया था.

लेमरू हाथी रिजर्व बनाने का हवाला देकर राज्य सरकार ने केंद्र की व्यावसायिक कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया का विरोध किया था.

राज्य सरकार के पत्र और ग्रामसभाओं के विरोध के बाद जुलाई 2020 में हसदेव के मदनपुर नार्थ, मोरगा 2, मोरगा साऊथ, सियांग और फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक को नीलामी से हटा दिया गया था.

इसके बाद जुलाई 2023 में हसदेव और मांड नदी के केचमेंट में लेमरू हाथी रिजर्व से लगे 8 कोल ब्लॉक की नीलामी का 28 सरपंचो ने पत्र लिखकर विरोध किया.

राज्य सरकार ने भी नीलामी से उक्त कोल ब्लॉक को हटाने के लिए कोयला मंत्रालय को पत्र लिखा, जिसके बाद इन 8 कोल ब्लॉक को नीलामी से हटाया गया.

अक्टूबर 2023 में कोयला मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि राज्य सरकार की आपत्तियों को संज्ञान में लेते हुए लेमरू हाथी रिजर्व और उसकी सीमाओं से लगे 40 कोल ब्लॉक को नीलामी या आवंटन की प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है.

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