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स्पॉट फिक्सिंग: नई जांच समिति गठित

नई दिल्ली | एजेंसी: मंगलवार को सर्वोच्चय न्यायालय ने स्पाट फिक्सिंग की जांच के लिये दो सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है. इसमें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय नई जांच समिति बनायी गई है.

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए. के. पटनायक और न्यायमूर्ति जे. एस. खेहर की पीठ ने कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन इस जांच समिति से पूरी तरह दूर रहेंगे, लेकिन जांचकर्ताओं को जरूरी सारी सुविधाएं मुहैया कराएंगे.

आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के लिए नई जांच समिति गठित करने के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने श्रीनिवासन पर बीसीसीआई के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया.

नई जांच समिति में न्यायमर्ति मुद्गल के अलावा वरिष्ठ वकील एवं अतिरिक्त महाधिवक्ता एल. नागेश्वर राव और वरिष्ठ अधिवक्ता निलय दत्ता शामिल हैं.

सर्वोच्च न्यायालय ने जांच समिति से चार महीने के अंदर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.

जांच समिति गठित करने संबंधित आदेश न्यायालय ने तब दिया, जब बीसीसीआई और बिहार क्रिकेट संघ ने न्यायालय द्वारा पूर्व में दिए गए उस सुझाव पर अपनी सम्मति जताई, जिसमें स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच समिति नियुक्त करने की बात कही गई थी.

सर्वोच्य नयायालय का यह फैसला विवादों में फंसे एन श्रीनिवासन के लिये बड़ा ही राहत भरा है. अब वे बीसीसीआई के अध्यक्ष का कार्यभार संभाल सकते हैं. ज्ञात्वय रहे कि इससे पहले सर्वोच्य न्यायालय ने उन्हें बीसीसीआई के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने से रोक रखा था.

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