छत्तीसगढ़ में नया मुख्यमंत्री ?
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद को लेकर बयानबाजी शुरु हो गई है. ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री फॉर्मूला अब चर्चा में है. इस बीच राज्य के आदिवासी विधायकों को एक जुट कर आदिवासी एक्सप्रेस चलाने की कोशिश की भी ख़बर है.
2018 में जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी थी, उसी समय मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद शुरु हो गया था. पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार सामने आये थे.
लेकिन माना जाता है कि पार्टी आलाकमान के समक्ष ढाई साल का फार्मूला लाया गया और तय हुआ कि पहले ढाई साल तक भूपेश बघेल और उसके बाद टीएस सिंहदेव के मुख्यमंत्री पद की कमान दी जाएगी. हालांकि इस फार्मूले की पुष्टि कभी किसी ने सार्वजनिक रुप से नहीं की.
अब जब ढाई साल की मियाद पूरी होने को है, तब माना जा रहा है कि इस महीने या इस महीने के बाद कभी भी राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा बदला जा सकता है.
माननीय रविन्द्र चौबे जी(मंत्री कांग्रेस) के बयान के बाद-
छत्तीसगढ़ कांग्रेस की स्थिति भी 17 जून के बाद पंजाब जैसी ही होगी…!!!
पंजाब में महाराजा, तो छत्तीसगढ़ में भी महाराजा…।।।
(छत्तीसगढ़ का महाराजा भी किसी से कम नहीं)@INCChhattisgarh @bhupeshbaghel @TS_SinghDeo pic.twitter.com/lR2lE45MyA— Ajay Chandrakar (@Chandrakar_Ajay) June 4, 2021
राज्य सरकार के प्रवक्ता और वरिष्ठ मंत्री रवींद्र चौबे हालांकि इससे इंकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार में मुख्यमंत्री का कार्यकाल, ढाई-ढाई साल करने का ना तो कोई फार्मूला है, ना ऐसी कोई चर्चा है और ना ऐसा कुछ होने वाला है.
रवींद्र चौबे ने कहा कि कांग्रेस की सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में अपना कार्यकाल पूरा करेगी. वे सरकार का मुख्य चेहरा हैं और उनके नेतृत्व में सरकार 20 साल से ज्यादा राज करेगी.
लेकिन टीएस सिंहदेव ने हमेशा की तरह इस मुद्दे को टालने वाले अंदाज में कहा कि अगर चौबे जी कह रहे हैं तो सही ही होगा. चौबे अनुभवी राजनेता हैं, जैसा कह रहे हैं, सही ही होगा. हमें भी कहीं से कोई संकेत नही है. मैं उनकी बात को सही मानता हूं.
इस बीच टीएस सिंहदेव के इलाके के ही एक आदिवासी विधायक को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताने और पूरे मामले को उलझाने की कवायद की भी ख़बर है.
सूत्रों का कहना है कि आदिवासी विधायकों को एकजुट कर ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है और उनसे एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है.