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नेपाल: नये संविधान पर मतदान शुरू

काठमांडू | समाचार डेस्क: नेपाल में रविवार को नए संविधान को लागू करने का मामला आखिरी दौर में पहुंच गया. प्रस्तावित संविधान के संशोधित प्रारूप के एक-एक अनुच्छेद और धारा पर विचार-विमर्श पूरा हो चुका है. तीन सबसे बड़ी पार्टियों के नेताओं ने इन पर संविधान सभा में अपनी बात रखी है.

बहस में भागीदार रहे तीन प्रमुख दलों के नेताओं में प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के नेता सुशील कोईराला, कम्युनिस्ट पार्टी नेपाल-यूएमएल के के.पी.शर्मा ओली और युनाइटेड कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी के पुष्प कमल दहाल शामिल थे.

नेपाल की प्रमुख पार्टियों ने दो दिन तक इंतजार किया कि छोटी पार्टियां आएं और संविधान बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा बनें. उनके न आने पर रविवार शाम प्रक्रिया शुरू कर दी गई.

तराई इलाकों में अपनी पहचान के राज्यों के गठन के लिए संघर्ष कर रहे मधेसी और थारू समुदाय के दलों से मुख्य दलों की बात बेनतीजा रही. इसके बाद बड़े दलों ने लंबे समय से लटके संविधान बनाने के काम को आगे बढ़ाने का फैसला किया.

दलों के नेताओं का कहना है कि संविधान को मंजूरी देने के लिए मतदान पूरी रात जारी रह सकता है. अगर संविधान सभा से संविधान को मंजूरी मिल जाती है तो राष्ट्रपति राम बरन यादव एक विशेष समारोह में नए संविधान की पुष्टि करेंगे.

तराई की मधेसी और थारू पार्टियां देश को सात राज्यों में बांटने के प्रस्ताव के खिलाफ हैं. उनकी मांग है कि इनकी खुद की पहचान वाले इलाकों को मिलाकर इनके लिए राज्य बनाया जाए. वे दंगा प्रभावित इलाकों से सेना को वापस बुलाने की भी मांग कर रही हैं. इस मांग को लेकर हो रही हिंसा में अब तक 40 लोग मारे जा चुके हैं.

संविधान सभा में सुशील कोईराला ने कहा कि सभी खास दल संघवाद, गणराज्य, लोकतंत्र और सबको साथ लेकर चलने वाले नए संविधान को अंतिम रूप देने के आखिरी चरण में हैं. उन्होंने कहा कि हम नए संविधान को लागू करने में सफल रहेंगे. हम पहले भी मसलों को अच्छे तरीके से निपटाते रहे हैं.

नेपाल में दो बार, 2008 और 2013 में संविधान सभा के चुनाव हुए हैं. पहली संविधान सभा बिना कोई नतीजा हासिल किए भंग हो गई थी.

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