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नेपाल: गिर सकती है ओली की सरकार

काठमांडू | समाचार डेस्क: नेपाल में प्रधानमंत्री खडग प्रसाद शर्मा ओली की सरकार जल्द गिर सकती है. इसका कारण है कि यूनिफाइड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल जोकि अभी गठबंधन का शरीक है अपने अध्यक्ष पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड के नेतृत्व में सरकार बनाना चाहती है. प्रचंड की पार्टी का आरोप है कि ओली सरकार कालाबाजारी तथा भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है. प्रचंड की पार्टी नेपाली कांग्रेस के साथ मिलकर राष्ट्रीय एकता सरकार के गठन पर विचार कर रही है. नेपाल के दो प्रमुख वामपंथी दलों कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी) और यूनिफाइड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूसीपीएन-माओवादी) के बीच का मैत्रीपूर्ण गठबंधन बुधवार को समाप्त होना तय हो गया. यूसीपीएन (माओवादी) ने अपने अध्यक्ष पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड के नेतृत्व में सरकार बनाने का फैसला किया है.

यूसीपीएन (माओवादी) के पदाधिकारियों की बुधवार की सुबह बैठक हुई. उसमें यह तय किया गया कि प्रचंड के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय एकता सरकार का गठन किया जाए. पार्टी ने नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-यूएमएल और अन्य राजनीतिक दलों से अपने नेतृत्व में बनने वाली नई सरकार में शामिल होने का आग्रह किया है.

इस कदम के साथ ही सात माह से भी कम समय तक चले माओवादियों और सीपीएन (यूएमएल) के गठबंधन का अंत हो गया. प्रधानमंत्री के.पी. ओली सीपीएन (यूएमएल) के ही अध्यक्ष हैं.

ओली सरकार से समर्थन वापस लेने की माओवादियों ने अभी औपचारिक तौर पर घोषणा नहीं की है. लेकिन, बाद में होने वाली पार्टी की स्थाई समिति की बैठक में इस बारे में फैसला लिए जाने की उम्मीद है.

किसी भी हाल में एक-दो दिन में ओली सरकार का गिरना लगभग तय माना जा रहा है क्योंकि नेपाली संसद की सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस ओली सरकार के खिलाफ पहले ही अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला कर चुकी है.

नेपाली कांग्रेस सरकार को मंगलवार से शुरू हुए मानसून सत्र में ही हटाने को लेकर माओवादियों और अन्य दलों से संपर्क कर चुकी है.

योजना के मुताबिक, नेपाली कांग्रेस और माओवादियों के बीच एक मौन सहमति बन चुकी है कि ओली सरकार को इस माह पेश किए जाने वाले बजट को पेश करने से रोक दिया जाए.

नेपाल की संसद की मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस पहले ही प्रस्ताव दे चुकी है कि यदि उसकी पार्टी के शेर बहादुर देउबा नई सरकार का नेतृत्व करने के लिए तैयार नहीं होते तो प्रचंड ही प्रधानमंत्री बनेंगे.

सूत्रों ने कहा कि माओवादी चाहते हैं कि यदि संभव हो तो राष्ट्रीय एकता सरकार बने लेकिन यदि बहुमत की सरकार बने तो वे नेपाली कांग्रेस के देउबा को समर्थन देंगे.

माओवादियों ने ओली सरकार पर नया संविधान लागू करने में नाकाम रहने, मधेशी क्षेत्र के संकट के निवारण और भूकंप के बाद पुनर्निर्माण में तेजी लाने में नाकाम रहने और कालाबाजारी और भ्रष्टचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.

माओवादी पहले ही ओली को अपने काम का तरीका बदलने या परिणाम भुगतने की चेतावनी दे चुके हैं.

ओली ने गठबंधन बचाए रखने के लिए मंगलवार को शीर्ष माओवादी नेताओं को भोज पर भी बुलाया था, लेकिन ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री का यह प्रयास बेकार गया.

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