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नेपाल के पूर्व पीएम कोइराला का निधन

काठमांडू | समाचार डेस्क: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला को मंगलवार को निधन हो गया. उनके चिकित्सक के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रात 12 बजकर 50 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांसें ली. सुशील कोइराला पिछले चार माह से बीमार थे तथा निमोनिया हुआ था.

स्व. कोइराला नेपाली कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष थे. उन्होंने 10 फरवरी 2014 में नेपाल के प्रदानमंत्री पद की शपथ ली थी.

राजतंत्र के विरोध में चले आंदोंलन का उन्होंने नेत-त्व किया था तथा करीब 16 साल भारत में निर्वासित जीवन बिताया था.

सुशील कोइराला का जन्म पिता बोधप्रसाद व माता कुमुदिनी के ज्येष्ठ सुपुत्र के रूप में विराटनगरमे सन् 1939 में हुआ. वे अविवाहित थे. वे नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोईराला के कजिन हैं.

सन 1960 में तत्कालीन राजा ने संविधान भंग कर कई राजनीतिक लोगों को जेल में डाल दिया था, इसमें उनके कई रिश्तेदार भी शामिल थे. वह भारत आ गए और उन्होंने वहाँ लगभग 16 साल गुजारे. इस दौरान वे 6 साल भारत और नेपाल की जेलों में भी रहे.

2013 में हुए चुनाव में नेपाली कांग्रेस 194 सांसदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी जबकि 173 सदस्यों के साथ सीपीएन-यूएमएल संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी.

नेपाली कांग्रेस के साथ छह सूत्री समझौता करने के बाद सीपीएन-यूएमएल की स्थायी समिति ने प्रधानमंत्री पद के लिए कोइराला का समर्थन किया.

छह सूत्री समझौते के तहत दोनों पार्टियां एक साल के भीतर नया संविधान लागू करने और नए संविधान को मंजूरी देने के बाद इसके अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और चेयरमैन के पदों के लिए चुनाव कराने पर सहमत हुईं.

इनके प्रधानमंत्रित्व काल में नेपाल में 20 सितंबर 2015 को नया संविधान लागू हो गया.

प्रथम बार नेपाल में लोकतान्त्रिक संविधान लागू होने के बाद अक्टूबर 2015 में प्रानमंत्री पद के लिए हुए चुनाव में वे सीपीएन-यूएमएल के उम्मीदवार के पी शर्मा ओली से चुनाव हार गए. ओली को 14 राजनीतिक दलों के 321 सांसदों और एक निर्दलीय संसद का समर्थन प्राप्त था.

इस निर्वाचन में ओली को 598 और सुशील कोइराला को 338 मत प्राप्त हुये थे.

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