नेपाल: अब तक 3,723
काठमांडू | समाचार डेस्क: नेपाल में भूकंप से 3 हजार मारे गये तथा 6 हजार बेघर हो गये हैं. सबसे ज्यादा मौते राजधानी काठमांडू में हुई है. इस बात की आशंका है कि गांवों से अभी कई शव निकल सकते हैं. गैर-सरकारी सूत्रों ने मृतकों की संख्या का अनुमान 10 हजार से उपर लगाया है. नेपाल में शनिवार को आए 7.9 तीव्रता वाले भूकंप में सोमवार तक मरने वालों की संख्या बढ़ कर 3,723 हो गई है, जबकि 6,313 लोग घायल हो गए हैं. इसके अलावा भूकंप के कारण हुए हिमस्खलन में दब कर माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप में 19 पर्वतारोहियों की मौत हो गई, जबकि अभी भी 150 पर्वतारोही फंसे हुए हैं. भूकंप से नेपाल यात्रा पर आए विदेशी पर्यटक भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. अनेक विदेशी नागरिक अभी भी फंसे हुए हैं, जिनमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं तथा कैनबरा में अधिकारियों ने बताया है कि नेपाल में अभी भी 300 आस्ट्रेलियाई नागरिक लापता हैं.
इस बीच भारतीय वायुसेना के विमान से शनिवार रात से अब तक काठमांडू से 1,935 भारतीय नागरिकों को स्वदेश पहुंचा दिया गया है. भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सोमवार शाम तक और लोगों के स्वदेश आने की संभावना है. ‘ऑपरेशन मैत्री’ के अंतर्गत चल रहा राहत एवं बचाव कार्य खराब मौसम के बावजूद जारी रहा.
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कार ने आईएएनएस को बताया कि भारतीय वायुसेना का विमान और भारतीयों को लेकर नई दिल्ली आया तथा राहत सामग्रियों के साथ यह नेपाल लौटेगा.
उन्होंने कहा, “अबतक भारतीय वायुसेना अपने 12 विमानों से 1,935 भारतीयों को काठमांडू से स्वदेश ला चुका है.” काठमांडू से 291 यात्रियों को लेकर सी-17 विमान दिल्ली पहुंचने वाला है.
इसके अलावा सोमवार को नेपाल के चितवन जिले के भरतपुर स्थित चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के लगभग 400 भारतीय विद्यार्थियों को बसों के जरिए भारत के गोरखपुर भेजा गया.
नेपाल के गृह मंत्रालय के अनुसार, अकेले काठमांडू घाटी में 1,202 लोगों की मौत हुई है. काठमांडू घाटी में करीब 20 लाख लोगों ने स्कूलों एवं खुले मैदानों में शरण ली हुई है. सामाजिक संगठन उन्हें भोजन-पानी उपलब्ध करा रहे हैं.
नेपाल में 1934 के बाद आया यह सर्वाधिक विनाशकारी भूकंप है तथा शनिवार के बाद से बिजली की कमी के कारण राहत कार्य बाधित हुआ है.
नेपाल के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 70 में से 29 जिलों को संकटग्रस्त घोषित कर दिया है. भूकंप के कारण पूरे नेपाल में दूरसंचार व्यवस्था भी प्रभावित हुई है तथा काठमांडू के कई एटीएम भी नष्ट हो गए हैं.
भारतीय संवाददाता के अनुसार, कुछ विदेशी नागरिक जो नेपाल में रह गए हैं, वे होटल लॉबी में सो रहे हैं. शनिवार की आपदा की कटु यादें उन्हें अपने कमरों में जाने से रोक रही हैं.
काठमांडू से निकलना भी आसान नहीं है. काठमांडू अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे को शनिवार को सबसे पहले कुछ घंटों के लिए बंद किया गया और रविवार को आए झटकों के बाद इसे दोबारा बंद करना पड़ा.
बड़ी संख्या में विदेशी यात्री उड़ानों के इंतजार में हवाईअड्डे के बाहर बैठे हुए हैं. इनमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं.
एक भारतीय नागरिक ने हवाईअड्डा परिसर में कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि सभी भारतीयों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा. हम उसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
कुछ लोगों ने कहा, “हवाईअड्डे पर मौजूद भारतीयों में अधिकतर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, बेंगलुरू और कोलकाता से हैं.” एक महिला ने बताया, “हमारे पास पैसे खत्म हो गए हैं. हम भारतीय वायुसेना के विमानों के इंतजार में हैं.”
नेपाल के मुख्य सचिव लीला मणि पौडयाल ने एवरेस्ट के बेस कैंप में फंसे पर्वतारोहियों को निकालने के लिए चलाए जा रहे अभियान के बारे में कहा, “हमें जानकारी मिली है कि एवरेस्ट पर दो शिविरों में 150 से अधिक पर्वतारोही फंसे हुए हैं. हमने हेलीकॉप्टरों और चिकित्सा दलों की तैनाती कर बचाव अभियान को तेज कर दिया है. हमें उम्मीद है कि इन लोगों को जल्दी ही बचा लिया जाएगा.”
नेपाल पर्यटन विभाग के महानिदेशक तुलसी प्रसाद गौतम ने 19 पर्वतारोहियों के मरने की पुष्टि की है.