नेपाल नया गणतंत्र बना
काठमांडू | समाचार डेस्क: सात सालों के संघर्ष के बाद नेपाल रविवार से पूर्ण गणतंत्र बना गया है. नेपाल की संविधान सभा ने नये संविधान को मंजूरी दे दी है. इसी के साथ नेपाल में रविवार को बहुप्रतीक्षित नया संविधान लागू हो गया और इसके साथ ही संविधान सभा संसद में तब्दील हो गई. नेपाल के नये संविधान को दो-तिहाई बहुमत से पारित कर दिया गया. नए संविधान में 35 खंड, 308 अनुच्छेद और नौ अनुसूचियां हैं.
रपट के अनुसार, संविधान सभा की निर्णायक बैठक में सभा के अध्यक्ष सुबास चंद्र नेमबांग ने नए संविधान के अनुच्छेद 296 के तहत सभा को भंग करने की घोषणा की. सभा को भंग करने से पूर्व नेमबांग ने संविधान की विशेषताओं का जिक्र किया.
संविधान के अनुसार, अब संविधान सभा संसद में तब्दील हो गई.
इससे पहले नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव ने नेपाल के संविधान, 2072 पर हस्ताक्षर कर दिए और इसके साथ ही संविधान के देश में लागू होने की घोषणा की.
इससे पहले संविधान सभा की निर्णायक बैठक शुरू हुई जिसमें सभा के अध्यक्ष सुबास चंद्र नेमबांग को संविधान की प्रमाणित प्रति सौंपी गई.
पूरे नेपाल में लाखों लोगों ने नए संविधान का स्वागत रोशनी से किया है. पूरा नेपाल जैसे दीपावली मना रहा है. सरकार ने इस मौके पर रविवार और सोमवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है.
संविधान सभा ने संविधान को 90 फीसदी मतों से मंजूरी दी है.
लेकिन, कुछ संगठन नए संविधान से खुश नहीं है. इसी के मद्देनजर राजधानी काठमांडू में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती की गई है.
मधेशी, थारू, नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने के समर्थक और युनाइटेड कम्युनिस्ट पार्टी नेपाल (माओवादी) से अलग हुआ गुट संविधान का विरोध कर रहे हैं.
नए संविधान के लागू होने के बाद राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के पदों के लिए नए सिरे से चुनाव होंगे. एक महीने के अंदर ये चुनाव कराने होंगे.
नया संविधान राष्ट्र में संघीय व्यवस्था की बुनियाद डालेगा. देश में अब सात नए राज्य होंगे. नए संविधान में आर्थिक समानता और सामाजिक न्याय पर आधारित एक समतामूलक समाज बनाने की बात कही गई है.
संविधान की प्रस्तावना में बहुदलीय लोकतांत्रिक प्रणाली, नागरिक आजादी, मानवाधिकार, मत देने का अधिकार, प्रेस की आजादी, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका और कानून आधारित समाजवाद की बुनियाद पर एक खुशहाल राष्ट्र के निर्माण की बात कही गई है.