छत्तीसगढ़

नेमीचंद हत्याकांड में फिर नक्सलियों का पर्चा

जगदलपुर:
सुकमा जिले के वरिष्ठ पत्रकार नेमीचंद हत्याकांड के सिलसिले में आज पुन: तोंगपाल फारेस्ट डिपो में प्राप्त नक्सली परचे में हत्या की स्वीकारोक्ति के बाद इलाके के पत्रकारों में भारी आक्रोश है. नक्सलियों ने अपने परचे में विगत दिनों पत्रकार संघ द्वारा दिए गए धरने को गलत ठहराया है.

गौरतलब है कि पिछले महीने सुकमा के पत्रकार नेमीचंद जैन की हत्या कर दी गई थी. घटना स्थल पर नक्सलियों का एक पर्चा बरामद हुआ था. इसके बाद कूकानार व तोंगपाल क्षेत्र में पर्चा फेंककर नक्सलियों ने अपना हाथ होने से इंकार किया था. बाद में एक बार फिर नक्सलियों की ओर से पर्चा फेंक कर कहा गया कि नेमीचंद जैन की हत्या पुलिस की ओर से जासूसी करने के आरोप में की गई है.

नेमीचंद जैन की हत्या के बाद से ही पत्रकार संगठनों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा है. इधर पत्रकारों के धरना प्रदर्शन के बाद नक्सलियों ने कथित रुप से एक बार फिर से से पर्चा जारी कर पत्रकारों के विरोध प्रदर्शन को गलत ठहराया है.

नक्सलियों के ताजा पर्चे मिलने के बाद बस्तर और राज्य के विभिन्न पत्रकार संगठनों ने नक्सलियों की निंदा करते हुये कहा है कि बस्तर के पत्रकारों ने हमेशा जोखिम उठाते हुए पत्रकरिता के दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन किया है. हिंसा और दबाव के आगे पत्रकारों की कलम कभी भी कमजोर या निकम्मी नहीं हुयी. मीडिया ने पुलिस और नक्सली खबरों को लेकर कभी भी भेदभाव नहीं बरता, बशर्ते कि खबरों में सच्चाई का पुट रहा हो. पत्रकार संगठनों का कहना है कि पत्रकारों के धरने को गलत ठहराने की नक्सली सोच तानाशाही वाली मानसिकता का परिचायक है.

पत्रकारों ने बार-बार मिल रहे नक्सली परचों के प्रति अविश्वसनीयता जाहिर करते हुए कहा कि बेहतर यह होगा कि उनके शीर्ष नेता इस बारे में साफगोई बरतते हुए स्थिति स्पष्ट करें. धरना आंदोलन को गलत ठहराकर नक्सलियों ने अप्रत्यक्ष रूप से पत्रकारों को धमकी दी है, जो उनकी अस्मिता को चोट पहुंचाने वाली है, जो किसी हालत में बर्दाश्त नहीं होगी.

पत्रकार संगठनों ने कहा है कि जो लोग बस्तर में खून की होली खेल रहे हैं और हिंसा का तांडव फैलाए हुए हैं, वे हत्या के विरोध में अपनी बात रखने और धरना देने को गलत ठहरा रहे हैं.

क्या लिखा है परचे में
सुकमा एसडीओपी एसआर पटले ने बताया कि तोंगपाल वन काष्ठागार के द्वार पर कांगेर घाटी एरिया कमेटी द्वारा जारी एक नक्सली परचा बरामद किया गया है, जिसमें नक्सलियों ने लिखा है कि पत्रकार नेमीचंद तोंगपाल के थानेदार को गांव-गांव घुमाया करता था, साथ ही उन्होंने संघम सदस्यों के नाम पुलिस को बताए थे. नक्सलियों ने यह भी लिखा है कि नेमीचंद के मामले में पत्रकार संघ द्वारा जो धरना प्रदर्शन व रैलियां आयोजित की जा रही हैं, वे गलत हैं.

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