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नक्सलियों को नेपाली माओवादियों ने दी ट्रेनिंग

रांची | संवाददाता: नक्सलियों को नेपाल के माओवादी नेताओं ने हथियारों का प्रशिक्षण दिया था. झारखंड के चर्चित नक्सली नेता कुंदन पाहन ने रविवार को आत्मसमर्पण के बाद यह दावा किया है.

कुंदन पाहन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नेपाल के माओवादियों ने झारखंड के नक्सलियों को ट्रेनिंग दी थी. सन 2000 में झारखंड के झुमरा पहाड़ पर 15 दिनों तय यह ट्रेनिंग चली थी. पाहन का कहना था कि इस ट्रेनिंग में नेपाल के शीर्ष माओवादी नेता पुष्पकमल दाहाल ऊर्फ प्रचंड भी शामिल हुये थे.

प्रचंड बाद में 2008 में नेपाल के प्रधानमंत्री बने. दुबारा पिछले साल अगस्त में प्रचंड ने फिर से नेपाल में प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली है. नेपाल के माओवादियों और झारखंड-बिहार के नक्सलियों के बीच हथियारों के लेन-देन और प्रशिक्षण की खबरें पहले भी आती रही हैं. लेकिन प्रशिक्षण में प्रचंड की खुद की उपस्थिति चौंकाने वाली है.

पंद्रह लाख रुपये के इनामी नक्सली कुंदन पाहन ने रविवार को जब आत्म समर्पण किया तो नक्सल अभियान के एडीजी आर के मल्लिक भी मौके पर उपस्थित थे. उन्होंने कुंदन को 15 लाख रुपये का चेक प्रदान किया. अपर पुलिस महानिदेशक संजय लाटेकर, रांची के डीआईजी अमूल वेणुकांत होमकर, एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा की उपस्थिति में कुंदन पाहन ने कहा कि वह अब समाज की मुख्यधारा में शामिल होने चाहता है, इसलिये आत्मसमर्पण किया है.

कुंदन पाहन पर सवा सौ से अधिक मामले दर्ज हैं. इसके अलावा हत्या के 50 से अधिक मामलों में कुंदन पाहन के खिलाफ मामला दर्ज है. यही कारण है कि रविवार के आत्मसमर्पण को लेकर आयोजित कार्यक्रम का भारी विरोध भी हुआ. राज्य के वरिष्ठ मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने भी इस आयोजन का विरोध किया.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को माओवादियों के आत्मसमर्पण की नीति पर विचार करना चाहिये. उन्होंने कहा कि इस तरह से नक्सलियों को चेक देने और उनके महिमामंडन से ठीक संदेश नहीं जाता.

चौधरी के अलावा राज्य के विधायक विकास मुंडा ने भी इस आत्मसमर्पण का विरोध किया. उन्होंने इसके खिलाफ धरना देते हुये कहा कि उनके पिता और राज्य के पूर्व मंत्री रमेश मुंडा की हत्या का आरोप कुंदन पाहन पर है. ऐसे अपराधियों का सरकार जिस तरीके से सम्मान दिया जा रहा है, वह ठीक नहीं है.

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