माओवादियों को सरकार ने दिये थे करोड़ो-भूपेश
रायपुर | संवाददाता: कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि झीरम कांड में माओवादियों को करोड़ों रुपये दिये गये थे. भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि सरकार और माओवादियों के बीच सांठगांठ है. इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की जानी चाहिये.
गौरतलब है कि माओवादियों ने बस्तर की दरभा घाटी के झीरम इलाके में हमला करके छत्तीसगढ़ कांग्रेस के शीर्ष नेताओं समेत 28 लोगों की हत्या कर दी थी. माओवादियों ने तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके बेटे, बस्तर के नेता महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल को मौत के घाट उतारे जाने की इस माओवादी वारदात को किसी राजनीतिक दल पर माओवादियों का सबसे बड़ा हमला माना जाता है.
सोमवार को भूपेश बघेल ने एक प्रेस कांफ्रेस में आरोप लगाया कि झीरम नक्सल हमले के पहले सरकार की ओर से नक्सलियों को करोड़ों रूपए दिए गए. इस मामले की जानकारी रखने वाले अभय सिंह को फर्जी मामले में फंसाया गया.
भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार और नक्सलियों के बीच सांठगांठ का खुलासा अभय सिंह ने ही किया था. अभय 2002 से पुलिस का इनफार्मर था. सरकार की हकीकत उजागर ना हो इसलिए ना केवल अभय सिंह को झूठे आरोप में फँसाया गया, बल्कि इंजेक्शन देकर बीमार कर दिया गया.
सरगुजा के अभय सिंह बंटी ने कुछ साल पहले यह आरोप लगा कर सनसनी फैला दी थी कि छत्तीसगढ़ में पुलिस और माओवादियों के बीच गंभीर सांठगांठ है. अभय सिंह बंटी ने यह आरोप हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में लगाया था और इसे हाईकोर्ट ने भी अत्यंत गंभीरता से लिया था. अदालत ने अभय सिंह बंटी को नियमानुसार सुरक्षा भी मुहैय्या करने के निर्देश पुलिस को दिये गये.
दिलचस्प है कि हाईकोर्ट ने पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुये याचिका पर बंद कमरे में सुनवाई की और उसके बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी किया. इसके बाद अदालत ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये.
लेकिन पूरे मामले की जांच रिपोर्ट जब अदालत में पेश की गई तो सरकार ने अपना पक्ष रखते हुये यह बात साफ की कि माओवादियों और पुलिस के बड़े अफसरों के मामले में पुलिस की जांच रिपोर्ट अगर सार्वजनिक की गई तो इससे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है.
अभय सिंह बंटी की याचिका के बाद पेश की गई जांच रिपोर्ट पर तो कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन उलटे अभय सिंह बंटी पर माओवादियों के साथ मिलीभगत समेत कई गंभीर आरोप लगे और बाद में पुलिस ने अभय सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
पिछले सप्ताह भूपेश बघेल ने अंबिकापुर जेल में जा कर अभय सिंह बंटी से मुलाकात की थी, जिस पर विपक्ष ने सवाल खड़े किये थे. अब भूपेश बघेल के पलटवार से स्थिति उलट गई है.