छत्तीसगढ़बस्तर

नक्सल प्रभावित इलाकों में 108 एंबुलेंस बंद

रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ के दरभा में 108 संजीवनी एम्बुलेंस पर हुए नक्सली हमले का ही असर है कि 108 एम्बुलेंस सेवा संचालन कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए हैं.

कंपनी ने घटना के बाद रविवार को समीक्षा की और फिलहाल समूचे नक्सल प्रभावित जिलों के अंदरूनी इलाकों में एम्बुलेंस न भेजने का फैसला लिया है. इस फैसले का सीधा असर इमरजेंसी सेवा पर पड़ रहा है. सूत्रों के मुताबिक इन क्षेत्रों से आए करीब 20 कॉल पर रिस्पॉन्स नहीं किया गया.

108 संजीवनी एम्बुलेंस के प्रभारी सुरेश कामले ने बताया, “हमने रिव्यू किया है, निर्णय लिया गया है कि नक्सल प्रभावित जिलों के अंदरूनी क्षेत्रों में एम्बुलेंस नहीं भेजेंगे. भविष्य में और रिव्यू होंगे. जिला मुख्यालयों में सेवाएं बंद नहीं की गई हैं.”

गौरतलब है की शनिवार को इमरजेंसी केस लेकर दरभा से जगदलपुर मेडिकल कॉलेज जा रही 108 एम्बुलेंस को रोककर बीच रास्ते में सीआरपीएफ की 80वीं बटालियन के जवान बैठे थे, जिसकी मुखबिरी हो गई और नक्सलियों ने लैंडमाइन-ब्लास्ट कर एम्बुलेंस उड़ा दी. साल 2011 में लांचिंग के बाद 108 एम्बुलेंस पर यह पहला हमला है.

हालांकि इसके पहले नक्सली ने कई बार एम्बुलेंस रोककर न सिर्फ पूछताछ की, बल्कि एम्बुलेंस खुलवाकर जांच भी की, लेकिन इस घटना से एम्बुलेंस संचालन एजेंसी जीवीके-ईएमआरआई सकते में हैं, क्योंकि ऐसी घटनाएं भविष्य में भी हो सकती हैं, इसलिए सावधानी बरतते हुए कंपनी ने अंदरूनी सभी इलाकों में एम्बुलेंस न भेजने से संबंधित निर्णय लिया है, जिससे ड्राइवर, मेडिकल स्टाफ भी खुश है.

जिन क्षेत्रों में एम्बुलेंस न भेजने का निर्णय हुआ है, उनमें सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, जगदलपुर जैसे धुर-नक्सलप्रभावित जिले शामिल हैं.

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