अमरीका से नवाज खाली हाथ
वाशिंगटन | समाचार डेस्क: इस बार भी अमरीका से पाक प्रधानमंत्री को खाली हाथ लौटना पड़ा. भारत के खिलाफ शिकायत का नतीजा शिफर ही रहा हैैै. उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी संयुक्त राष्ट्र सभा में नवाज शरीफ के व्यक्तित्व की पाक मीडिया ने आलोचना की थी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भारत के साथ हुए करार जैसे एक परमाणु करार और कश्मीर मुद्दे पर वाशिंगटन को अपने पाले में करने की उम्मीद लिए भारत के खिलाफ शिकायतों की एक फेहरिस्त लेकर अमरीका आए. लेकिन, उन्हें कुछ भी हाथ नहीं लगा.
यही नहीं, नवाज को उल्टे अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को यह आश्वासन देना पड़ा कि नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और इसके सहयोगियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाएगी.
पाकिस्तान की इस बात से अमरीका बजाहिर चिंतित दिखा कि उसने कम क्षमता वाले परमाणु हथियारों का निर्माण युद्ध की उस खाई को पाटने के लिए किया है जिसे भारत ने अपने ‘कोल्ड स्टार्ट डाक्ट्रिन’ के तहत शुरू किया है. ओबामा ने नवाज को नए परमाणु हथियारों से बढ़ने वाले तनाव के बारे में चेताया.
एक संयुक्त बयान में कहा गया, “राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के परमाणु हथियार कार्यक्रम के संदर्भ में किसी भी ऐसी स्थिति से बचने पर जोर दिया है, जो परमाणु सुरक्षा या सामरिक स्थिरता के लिए खतरा बढ़ा सकती है.”
नवाज ने गुरुवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में ओबामा से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें पाकिस्तान कश्मीर सहित सभी अन्य मुद्दों को निपटाने के लिए भारत-पाकिस्तान वार्ता की बात डलवाने में कामयाब रहा. इसमें नियंत्रण रेखा पर तनाव पर चिंता जताई गई, कश्मीर समेत सभी मुद्दों को बातचीत से हल करने और आतंकवाद के खिलाफ भारत-पाकिस्तान की साझा कोशिशों का जिक्र किया गया.
बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अमरीका के राष्ट्रपति से कहा कि वह अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पूरा सम्मान करते हुए संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित लश्कर-ए-तैयबा और इसके सहयोगियों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाएंगे.
बयान में कहा गया कि ओबामा और नवाज ने “जोर दिया है कि भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों में सुधार इस क्षेत्र की स्थाई शांति, स्थिरता और समृद्धि की संभावनाओं में वृद्धि करेगा.”
नवाज ने कहा, “पाकिस्तानी धरती का उपयोग किसी भी मुल्क के खिलाफ नहीं होगा और यह क्षेत्र के सभी देशों से एक वादा है.”
बयान में कहा गया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने उन कदमों पर जोर दिया, जो वह नेशनल एक्शन प्लान के तहत यह सुनिश्चित करने के लिए उठा रहा है कि तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तानी धरती से अपने मंसूबों को अंजाम न देने पाए.
बाद में ओबामा के प्रवक्ता एरिक शुल्त्ज से आतंकवाद पर भारत और पाकिस्तान की चिंताओं के बारे में पूछा गया. उन्होंने सीधा जवाब न देते हुए कहा, “मुझे लगता है कि यह साफ है कि पाकिस्तान का भारत से रिश्ता पाकिस्तान के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है.”