गुजरात में बाहर से आती है गरीबी
नई दिल्ली | विशेष संवाददाता: गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में शिवसेना की तर्ज पर कहा है कि गुजरात में बाहर से आने वाले लोगों के कारण गरीबी है. इंडिया टूडे के एक कार्यक्रम में बोलते हुये नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनका सपना भारत को हथियार बेचने वाला देश बनाने का है. पूरे कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने गुजरात के दंगों पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुजरात के अंदर कई राज्यों से ट्रेनें आती हैं… कई राज्यों से. हिंदुस्तान के कोने-कोने से बहुत बड़ी तादाद में गरीब लोग मेरे राज्य में रोजी-रोटी कमाने के लिए आते हैं.. और वह आते हैं तो जाहिर है जनगणना में उनकी भी गिनती होती है… मेरे यहां बहुत बड़ी मात्रा में गरीबी हम इंपोर्ट करते हैं… और हम कोशिश करते हैं है कि हम उनको गरीबी से बाहर लाएं… मैं मानता हूं कि यह सिलसिला चलता रहेगा. गुजरात जैसे-जैसे प्रगति कर रहा है, ये गरीब लोग यहां रोजी-रोटी के लिए आने वाले हैं… और सेटल होने तक वह गरीब रहेंगे… फिर बाहर आएंगे. मैं मानता हूं कि हम बहुत बड़ी सेवा कर रहे हैं. मैं इससे शर्मिंदगी महसूस नहीं कर रहा हूं. गरीब लोगों के राज्य में आने से राज्य की छवि को थोड़ा इधर-उधर का हल्का सा हाथ लग जाता है तो लग जाए, लेकिन गरीब का तो भला हो जाता है.
प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने जीवन में कुछ बनने का सपना कभी नहीं देखा. मैंने हमेशा कुछ करने की कोशिश की. ज्यादातर लोग कुछ बनने का सपना देखते हुए मर जाते हैं. मैं इस पर कभी नहीं चला. जब तक मैं मुख्यमंत्री नहीं बना था, मैंने वहां पहुंचने का सपना नहीं देखा था. मैं कभी किसी ज्योतिषी से भी नहीं मिला, जिसने कहा हो कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा.
नरेंद्र मोदी ने रेलवे को बुनियादी जरूरतों का निजीकरण किए जाने की वकालत करते हुए कहा कि वातावरण में सोच की कमी है. उन्होंने कहा कि दूषित जल प्रबंधन और सालिड वेस्ट मैनेजमेंट जिससे वातावरण और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है उसका निजीकरण किया जा सकता है तो रेलवे जैसी संस्थाओं का क्यों नहीं. उन्होंने कहा कि रेलवे के 10 सालों का बजट देखिए. इसमें विकास नहीं दिखता. इसमें कोच, नए ट्रेन और नई लाइनों के विषय में ही चर्चा होती रही है. लेकिन इसमें बंदरगाहों को मुख्य शहरों से जोड़ने की बातें कभी नहीं की गई. तो इसमें बदलाव की जरूरत है क्योंकि इसमें विकास से नहीं दूर-दूर तक नाता.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में सरकारें 5 सालों के लिए आती हैं और चली जाती हैं. प्रजातंत्र का मतलब केवल चुनाव नहीं होता. प्रजातंत्र का मतलब है कि सरकार और आम जनता मिलकर देश के विकास के लिए काम करे. लोगों की सोच बदलनी होगी. नरेगा में काम कर रहे लोगों को यह सोचना चाहिए कि वो देश के लिए 100 दिन दे रहा है. उसे नरेगा को 100 दिनों के रोजगार के अवसर के रूप में नहीं देखना चाहिए. नरेगा का नाम बदल कर ‘100 दिनों का डेवलपमेंट गारंटी स्कीम’ कर देना चाहिए. इससे ही देश में विकास होगा.
उन्होंने कहा कि रेल, एयरपोर्ट बनने से सिर्फ विकास नहीं होता. जनता को, लोगों को विकास से जोड़ना जरूरी है. जब तक जनता विकास से सीधी नहीं जुड़ती देश का समुचित विकास नहीं होगा. लोगों की सोच बदलनी होगी. जब तक वो यह नहीं सोचेंगे कि मैं जो काम कर रहा हूं वो देश के लिए कर रहा हूं तब तक विकास नहीं होगा. उन्होंने कहा कि टैक्स की चोरी नहीं होनी चाहिए. कंप्यूटर पर जब मैंने एक शहर की सूची देखी तो नगर के बड़े-बड़े नामों के टैक्स ही बाकी थे. मैंने अधिकारियों से कहा कि इन्हें नोटिस देने से एक रुपया नहीं मिलेगा. मैंने कहा कि लोगों को एक समय दो और साथ ही चेतावनी कि अगली बार ढोल के साथ आएंगे. तो वो अपना टैक्स जरूर देगा और तय मानिए कि इससे 98 फीसदी टैक्स वसूली हो जाएगी.