आतंकरहित माहौल बनायें-मोदी
न्यूयॉर्क | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान से आतंक रहित माहौल बनाने की बात कही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाने और 1948 के यूएन प्रस्ताव के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की मांग पर बेहद करारा जवाब दिया है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए मोदी ने पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में कहा कि इस मंच पर बात उठाने से कुछ होने वाला नहीं है. मोदी ने साथ ही पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा कि बेहतर होता वह कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों पर ध्यान देता. मोदी ने पाकिस्तान से कहा कि वह बातचीत के लिए आतंक रहित माहौल बनाए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा भविष्य हमारे पड़ोस से जुड़ा हुआ है. इसीलिए हमारी सरकार ने पहले ही दिन से पड़ोसी देशों से मित्रता और सहयोग बढ़ाने पर पूरी प्राथमिकता दी है. पाकिस्तान के प्रति भी मेरी यही नीति है. मैं पाकिस्तान से मित्रता और सहयोग बढ़ाने के लिए पूरी गंभीरता से शांतिपूर्ण वातावरण में बिना आतंक के साए के साथ द्विपक्षीय वार्ता करना चाहता हूं.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का भी यह दायित्व है कि उपयुक्त वातावरण बनाए और गंभीरता से द्विपक्षीय वार्ता के लिए अनुकूल वातावरण बनाए. और इस मंच पर बात उठाने से समाधान के प्रयास सफल होंगे, इसपर कई लोगों को शक है. आज हमें बाढ़ से पीड़ित कश्मीर के लोगों को सहायता देने पर ध्यान देना चाहिए. जो हमने भारत में बड़े पैमाने पर आयोजित किया है. और इसके लिए भारत के कश्मीर का ख्याल रखने तक ही हम रुके नहीं हैं. हमने पाकिस्तान को भी कहा… क्योंकि उस क्षेत्र में भी बाढ़ का असर था.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि यूएन के होने के बाद भी हमने कई समूह यानी ‘जी’ बनाए हैं. अच्छा होता कि जी-4 या जी-8 की जगह जी-ऑल की बात होती. मोदी ने कहा कि आतंकवाद एक ऐसी समस्या है जिससे पूरी दुनिया पीड़ित है. इससे निपटने के लिए सबको एकसाथ आना होगा. लेकिन कई देश अभी भी अपनी जमीन पर आतंकवादियों को पनाह दे रहे हैं. आतंकवाद उनकी नीति का हिस्सा है.
उन्होंने अपने भाषण के शुरु में ही कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो हमेशा से वसुधैव कुटुम्बकम् की फिलॉसफी पर चलता रहा है. वह अपने ही पूरे विश्व में न्याय, गरिमा, अवसर और समृद्धि के लिए आवाज उठाता रहा है.
नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र की स्थिति पर कहा कि यह संस्था अगले साल 70 साल पुरानी हो जाएगी. इसे समय के साथ बदलने की जरूरत है ताकि वह बदलती दुनिया के साथ चल सके. उन्होंने चेताया कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो ऐसी संस्थाएं आउटडेटेड हो जाएंगी.
नरेंद्र मोदी ने हिंदी में दिये भाषण को कभी पढ़ा तो कभी अपने ही अंदाज में समझाते भी रहे.