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नंद कुमार साय फंसे बाल विवाह के मामले में

जशपुर | विशेष संवाददाता: बाल विवाह जैसी कुरीति को रोकने में देश में कड़े कानून बनाए गए है लेकिन जब जनप्रतिनिधि ही बाल विवाह कराना चाहते हों तो कोई भी कानून काफी नहीं है. ताज़ा मामला छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सासंद नंदकुमार साय का है जो कि एक 15 वर्षीय बालिका का विवाह करवाने को आतुर थे.

मामला जशपुर जिले के फरसाबहार थाना क्षेत्र के पानबहार ग्राम का है. यहां रोथो राम महकुल की पुत्री नविना बाई का शादी एक मई को होने वाली थी. सरकारी सर्टिफिकेटों के अनुसार बालिका की उम्र मात्र 15 वर्ष 3 माह की है. जैसे ही इस बात की खबर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को लगी उन्होंने मौके पर पहुँच कर शादी रुकवा दी.

महिला एवं बाल विकास विभाग की इस कार्यवाही को अनुचित बताते हुए साय ने अधिकारियों को एक लिखित पत्र देकर कहा कि चूंकि गांववालों के अनुसार लड़की बालिग है इसीलिए यह शादी न रोकी जाए. इसमें साय ने यह भी उल्लेखित किया कि मैं स्वयं शादी होने देने की अनुशंसा करता हूं.

मामले के तूल पकड़ने के बाद साय ने विभाग की कार्यवाही को लड़की के पिता और उसके परिवार को अपमानित करने के उद्देश्य से किया गया बताया है और कहा है कि ग्रामीणों ने उन से लड़की के स्कूल प्रमाण पत्र में गलत जन्मतिथि लिखे होने की बात कही और इसी आधार पर मैंने शादी नहीं रोकने का अभिमत दिया.

साय ने यह भी कहा कि पुलिस को शादी से आपत्ति थी तो उसे रस्में शुरु होने से पहले ही इसे रुकवाना था क्योंकि रस्म शुरु होने के बाद शादी रुकने से परिवार को आर्थिक और सामाजिक नुकसान होता है.

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