नंदकुमार साय ने पेश की चुनावी दावेदारी
जशपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य नंदकुमार साय ने राज्य के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है. उनकी राय है कि पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं को विधानसभा चुनावों में मैदान में उतरना चाहिए.
वैसे तो राज्य भाजपा में विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरु नहीं हुई है लेकिन पार्टी संगठन ने टिकट के लिए दावेदारों से आवेदन नहीं देने के लिए कह दिया है. इसको लेकर कुछ वरिष्ठ नेताओं और दावेदारों में काफी नाराजगी देखी जा रही है
साय ने यह भी कहा कि पार्टी मुख्यरूप से विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशी तय करेगी. उनके अनुसार छत्तीसगढ़ में बहुत काम हो रहे हैं, लेकिन सरकार बनाने की दृष्टि में पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं को चुनाव मैदान में उतारना चाहिए. प्रदेश में भाजपा की सरकार बनना जरूरी है. सरकार बनने के बाद कौन कहां रहेगा, यह बाद में तय होना चाहिए.
नंदकुमार साय ने कहा कि चुनाव लडऩे में उनकी भी रूचि होगी जिसके लिए वे पार्टी के और नेताओं से चर्चा करेंगे. उनका कहना है कि प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा में बहुमत हासिल कर सरकार बनाना बहुत जरूरी है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक साय के अलावा छत्तीसगढ़ भाजपा के कई वरिष्ठ नेता व सांसद चुनाव लडऩा चाहते हैं. इनमें महासमुंद सांसद चंदूलाल साहू, पूर्व सांसद व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्रीमति करुणा शुक्ला का नाम भी शामिल है. प्रदेश अध्यक्ष रामसेवक पैकरा भी चुनाव मैदान में उतरने के इच्छुक हैं.
गौरतलब है कि पैकरा पिछला चुनाव हार गए थे. महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सरोज पांडे का नाम भी बेमेतरा विधानसभा सीट से दावेदार के रूप में सामने आ रहा है. हालांकि उन्होंने अपनी तरफ से ऐसी कोई इच्छा जाहिर नहीं की है.
इन नेताओं के विपरीत पूर्व केंद्रीय मंत्री और रायपुर से सांसद रमेश बैस खुद विधानसभा चुनाव लडऩे के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन वे इस बात से नाखुश हैं कि प्रत्याशी चयन के लिए रायशुमारी और पूछताछ का दायरा सीमित हो गया है. उनका नाराजगी इस बात से भी है कि चुनाव समिति तैयार हो गई है, लेकिन इसकी बैठक का कोई अता-पता नहीं है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री बैस ने कहा है कि संगठन वाले जरूर कुछ कर रहे होंगे, लेकिन वे क्या कर रहे हैं उन्हें कुछ नहीं मालूम. वे कहते हैं कि प्रत्याशी चयन के लिए पूछताछ का दायरा सीमित हो गया है. श्री बैस ने यह भी कहा कि उनसे अभी तक संगठन के लोगों ने इस मसले पर कोई सुझाव नहीं लिया है. विधानसभा चुनाव लडऩे के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे इसके इच्छुक नहीं हैं