डेट्रॉयट की दिवालिया घोषित होने की मांग
वॉशिंगटन: अमरीकी शहर डेट्रॉयट के प्रशासन ने 18 अरब डॉलर से ज्यादा कर्ज से अज़ीज आकर दिवालिया घोषित किए जाने की अर्जी दी है. शहर के लिए खास तौर पर नियुक्त किए गए इमरजैंसी मैनेजर केविन ओर ने इस बारे में कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. अगर डेट्रॉयट प्रशासन की ये मांग मंजूर हो जाती है तो शहर की सारी संपत्तियां बेच कर ये कर्ज चुकाया जाएगा.
कभी दुनिया की “ऑटोमोबाइल कैपिटल” के रूप में जाना जाने वाला ये शहर वैश्विक मंदी, अपराध और बेरोजगारी की वजह से दिवालियापन के कगार पर पहुँच गया है. पहले शहर में फोर्ड मोटर, जनरल मोटर्स, पिकेट और पैकर्ड जैसी बड़ी कंपनियों की फैक्ट्रियां थीं लेकिन धीरे धीरे कंपनियों ने अपनी फैक्ट्रियां यूरोपियाई देशों में लगा लीं और शहर की अर्थव्यवस्था कमजोर होती गई.
हालात ऐसे हो गए हैं कि कभी अमरीका की सबसे ज्यादा आबादी वाले शहरों में शामिल डेट्रॉयट की आबादी बीस लाख से घटकर सात लाख आ पहुंची है और लोगों का पलायन अभी भी जारी है. लगातार पलायन के चलते प्रशासन को मिलने वाले टैक्स में कमी हुई है इसीलिए स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण खर्चों पर भी कटौती की जा रही है.
अब शहर के हालात सुधारने की कवायद में प्रशासन ने डेट्रॉयट को दिवालिया घोषित करने की अर्जी दे दी है और उसका कहना है कि यह समस्या से बचने का एकमात्र व्यवहारिक रास्ता है.