मोटेरा स्टेडियम अब मोदी के नाम पर
नई दिल्ली | डेस्क: मोटेरा स्टेडियम का नाम बदल कर नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया गया है. यह दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मोटेरा के क्रिकेट स्टेडियम का उदघाटन किया है.
बीबीसी के अनुसार फ़रवरी 1983 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम की नींव अहमदाबाद से कुछ किलोमीटर दूर स्थित मोटेरा गाँव में रखी थी. इसके ठीक नौ महीने बाद नवंबर, 1983 में इस मैदान पर पहला टेस्ट मैच भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच खेला गया.
LIVE:BhumiPujan of Sardar Vallabhbhai Patel Sports Enclave & Inauguration of World's Largest Cricket Stadium by Hon'ble President of India Shri Ram Nath Kovind @rashtrapatibhvn @ADevvrat @AmitShah @KirenRijiju @Nitinbhai_Patel @JayShah @DhanrajNathwani https://t.co/XffpWR3meQ
— Gujarat Cricket Association (Official) (@GCAMotera) February 24, 2021
38 साल पहले महज़ नौ महीने के अंदर स्टेडियम को तैयार करना एक तरह से अविश्वसनीय उपलब्धि जैसा ही था.
दरअसल, मोटेरा स्टेडियम का इतने कम समय में बनना एक रिकॉर्ड जैसा ही है. इसके बाद से यहां रिकॉर्ड बनते रहे. 1983 मे जब ये स्टेडियम बना तब शायद ही लोगों ने कल्पना की होगी कि यहाँ इतने रिकॉर्ड बनेंगे.
क्रिकेट के रिकॉर्ड पर बात शुरू करें उससे पहले यह जानना दिलचस्प है कि इस स्टेडियम में 24 फ़रवरी, 2020 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बड़े इवेंट में शामिल हुए थे.
इस स्टेडियम की ख़ास बात यह है कि इसमें सबसे ज़्यादा एक लाख 10 हज़ार दर्शक मैच देख सकते हैं. मेलबर्न के ऐतिहासिक क्रिकेट स्टेडियम की तुलना में यहां ज़्यादा दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है.
अब बात यहां क्रिकेट मैच के दौरान बनने वाले रिकॉर्ड्स की. भारत के महान बल्लेबाज़ सुनील गावसकर ने इसी मैदान पर टेस्ट क्रिकेट में अपने 10 हज़ार रन पूरे किए थे. इससे पहले उन्होंने इसी मैदान पर एक और कारनामा दिखाया था, वो भी यहां खेले गए पहले ही टेस्ट मैच में.
नवंबर, 1983 में जब इस स्टेडियम में पहला टेस्ट मैच खेला गया था तो उससे पहले टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के ज्योफ़ बॉयकॉट के नाम था. उनके नाम 8,114 रन थे.
नवंबर, 1983 में खेले गए टेस्ट मैच में गावसकर ने मोटेरा में 90 रन बनाए थे. इन रनों के साथ ही उन्होंने बॉयकॉट के सबसे ज़्यादा टेस्ट रनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था.
यह मैदान गावस्कर के बेहद भाग्यशाली साबित हुआ. 1987 में जब पाकिस्तान की टीम यहां टेस्ट खेलने पहुंची तो उसी मैच में गावस्कर ने अपने टेस्ट करियर के 10 हज़ार रन पूर किए थे. वे इस मुकाम तक पहुँचने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज़ थे.
जिस मोटेरा स्टेडियम में एक समय टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने का करिश्मा बना उसी मैदान पर एक समय में टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा विकेट हासिल करने का कारनामा भी बना था.
कपिल देव ने फ़रवरी, 1994 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ टेस्ट मुक़ाबले में हसन तिलकरत्ने को जब आउट किया तो यह टेस्ट क्रिकेट में उनका 432वां विकेट था. इस विकेट के साथ ही उन्होंने न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ रिचर्ड हैडली के 431 विकेटों के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ा था.
टेस्ट इतिहास में सबसे ज़्यादा विकेट हासिल करने का रिकॉर्ड कपिल देव ने मोटेरा स्टेडियम में ही बनाया था.
सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक बनाए. दुनिया का शायद ही कोई ऐसा मैदान है जहां उन्होंने शतक नहीं बनाया लेकिन मोटेरा स्टेडियम का शतक उनके करियर के ख़ास मुकामों में शामिल है.
1999 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट मुक़ाबले में सचिन तेंदुलकर ने 217 रनों की पारी खेली थी. ये उनके टेस्ट करियर का पहला दोहरा शतक था.
मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने भारत के लिए 99 टेस्ट मैच खेले, लेकिन उन्होंने इस दौरान कुछ ऐसे रिकॉर्ड बनाए जो आज भी उनके नाम हैं. नवंबर, 1996 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए मुक़ाबले में मोटेरा मैदान में उतरते ही अज़हर ने एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया था.
वे उस वक्त दुनिया के पहले ऐसे क्रिकेटर बन गए थे जो दुनिया के सभी देशों के ख़िलाफ़ अपने मैदान और विदेशी मैदान पर खेल चुके थे. उस वक्त नौ देश टेस्ट क्रिकेट खेल रहे थे और अज़हर ने आठों विपक्षी टीमों के ख़िलाफ़ भारत और उनके मैदान पर खेलने का कारनामा कर दिखाया था. यह अपने आप एक तरह का अनोखा वर्ल्ड रिकॉर्ड था.
1987 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच में भारतीय स्पिनर शिवलाल यादव ने पाकिस्तान के सलीम मलिक का विकेट लेकर टेस्ट क्रिकेट में सौवीं कामयाबी हासिल की थी.
मोटेरा स्टेडियम में भारतीय बल्लेबाज़ों ने एक बार शर्मनाक प्रदर्शन भी दिखाया था. अप्रैल, 2008 में दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ टेस्ट मुक़ाबले में भारतीय टीम मैच के पहले दिन लंच से पहले महज 76 रनों पर सिमट गई थी.
भारतीय धुरंधर दो घंटे भी विकेट पर नहीं टिक पाए थे. यह भारत के टेस्ट इतिहास में पहला मौका था जब पूरी टीम लंच से पहले सिमट गई थी और यह रिकॉर्ड भी मोटेरा स्टेडियम में ही बना था.
राहुल द्रविड़ ने हासिल किया था मुकाम
अप्रैल, 2009 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ राहुल द्रविड़ ने 177 रनों की पारी के दौरान टेस्ट क्रिकेट में 11,000 रन पूरे करने का करिश्मा दिखाया था.
हरभजन का पहला टेस्ट शतक
नवंबर, 2010 में मोटेरा स्टेडियम में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ भारत के पहले पांच विकेट महज 15 रन पर गिर गए थे. इसके बाद हरभजन सिंह बल्लेबाज़ी करने उतरे और उन्होंने टेस्ट क्रिकेट करियर में अपना पहला शतक ठोंक दिया.
हरभजन सिंह ने 115 रन बनाए थे. इस शतक से हरभजन सिंह का उत्साह ऐसा बढ़ा कि उन्होंने कीवी टीम के ख़िलाफ़ अगले ही टेस्ट में एक और शतक ठोक दिया था.
पुजारा का दोहरा शतक
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 2012 में खेले गए मुक़ाबले में चेतेश्वर पुजारा ने अपने टेस्ट करियर का पहला दोहरा शतक मोटेरा स्टेडियम में ही बनाया था. उन्होंने यहां 206 रनों की पारी खेली थी.
1996 वर्ल्ड कप का पहला मैच
1996 वर्ल्डकप का पहला मैच मोटेरा स्टेडियम में ही इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के बीच खेला गया था. इस मुक़ाबले में न्यूज़ीलैंड ने उलटफ़ेर करते हुए इंग्लैंड को हरा दिया था.