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मोगा छेड़छाड़: बस कंपनी देगी 24लाख

चंडीगढ़ | समाचार डेस्क: मोगा पीड़िता के परिवार को बादल की बस कंपनी 24 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी. मोगा में 13 वर्षीय किशोरी को बस से फेंके जाने से मौत जाने के मामले में उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की बस कंपनी ऑर्बिट पीड़ित परिवार को 24 लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी. यह घोषणा राज्य सरकार ने की. मुख्यमंत्री के सलाहकार हरचरण बैंस ने रविवार को मीडिया से कहा कि ऑर्बिट कंपनी पीड़ित परिवार को 24 लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी. उल्लेखनीय है कि पंजाब के मोगा शहर में छेड़छाड़ का विरोध करने पर 13 वर्षीय किशोरी को बस से फेंकने और उसकी मौत हो जाने के मामले में पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार न करने पर अड़े परिवार ने आखिरकार रविवार को पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार कर दिया.

इस बीच मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल रविवार शाम पीड़ित परिवार से मिले. रविवार की शाम फरीदकोट मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद पुलिस की कड़ी सुरक्षा में किशोरी का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

किशोरी की मौत के चार दिन बाद प्रकाश सिंह बादल रविवार को पीड़ित परिवार से मिले. उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और पुलिस महानिदेशक से सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के निर्देश दिए.

बादल ने परिवार के 30 मिनट बिताए. इसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि वह यहां अर्शदीप के पिता के रूप में आए हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य सभी बेटियों की सुरक्षा के लिए मैं जिम्मेदार हूं. जो भी प्रदेश की बेटी से दुर्व्यवहार करेगा उसे सख्त सजा दी जाएगी.

इससे पहले रविवार को पीड़ित परिवार शव का पोस्टमार्टम कराने और अंतिम संस्कार करने पर राजी हो गया. जिस बस में किशोरी के साथ छेड़छाड़ हुई थी, वह उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की कंपनी ऑर्बिट की है.

लड़की के पिता और उसके परिवार के कुछ सदस्यों ने कहा कि वे पोस्टमार्टम कराने और अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए हैं.

मोगा में सिविल अस्पताल के आसपास काफी गहमागहमी रही. स्थानीय प्रशासन और पुलिस पीड़ित परिवार को पोस्टमार्टम के लिए मनाने में जुटी रहे. अस्पताल के भीतर और बाहर बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात किया गया था. लोगों ने परिवार पर दबाव बनाने के खिलाफ प्रदर्शन भी किया.

प्रदर्शन करने वालों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता शामिल थे. उनका आरोप था कि प्रशासन बादल की शह पर पीड़ित परिवार पर पोस्टमार्टम के लिए दबाव बना रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने परिवार को 24 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी का प्रस्ताव दिया है.

मोगा के उपायुक्त परमिंदर सिंह गिल ने कहा कि किसी की मौत के मामले में पोस्टमार्टम एक महत्वपूर्ण सबूत होता है.

चौतरफा दबाव के बीच पुलिस ने बस संचालक कंपनी ऑर्बिट के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. उन पर हत्या, हत्या का प्रयास और छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया है.

उधर ऑर्बिट कंपनी की बसों का परिचालन सुखबीर बादल के निर्देश पर शनिवार से बंद कर दिया गया है.

मोगा में 13 वर्षीय अर्शदीप के साथ छेड़छाड़ के बाद उसे बस से बाहर फेंक दिया गया था, जिसमें उसकी मौत हो गई. उसकी मां को भी मनचलों ने छेड़छाड़ का विरोध करने पर तेज रफ्तार बस से बाहर फेंक दिया था.

14 वर्षीय एक लड़के सहित तीन लोगों का यह परिवार बुधवार को मोगा कस्बे से बाघापुराना कस्बा जाने के लिए बस पर सवार हुआ था. दोनों कस्बों के बीच की दूरी 20 किलोमीटर है. मां और बेटी के साथ बस में कुछ समय बाद ही छेड़छाड़ किया जाने लगा.

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