आधुनिकता बनाम भगवा रूढ़िवाद
नई दिल्ली | एजेंसी: देश में प्रधानमंत्री मोदी की आधुनिकता तथा भगवा रुढ़िवाद आमने-सामने खड़ा है.इतिहासकार आयशा जलाल ने अपनी नवरचित पुस्तक ‘पाकिस्तान के लिए संषर्घ’ में कहा है कि ‘पाकिस्तान की राष्ट्रीय पहचान का संकट बुनियादी तौर पर एक अंतहीन बहस का विषय बन चुका है कि आखिर देश के स्वघोषित इस्लामिक पहचान को आधुनिक राष्ट्र-राज्य के दायित्व के साथ कैसे बांधा जाए?’
ठीक इसी समस्या ने भारत में नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिष्ठा को प्रभावित करना शुरू कर दिया है और मोदी सरकार के सामने अपने एजेंडे ‘सबका साथ, सबका विकास’ जिसमें अल्पसंख्यक भी शामिल हैं, को अपनी पार्टी से संबद्ध आक्रामक हिंदू समर्थक छवि वाले अन्य संगठनों के साथ बांधने में मुश्किल होने लगी है.
लेकिन ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ भाजपा के सहायक संगठनों की गलती है. खुद भाजपा भी ‘आधुनिक राष्ट्र-राज्य की जिम्मेवारियों’ के साथ पार्टी के कट्टरपंथी तत्वों के पूर्वानुराग को बांधने में असमर्थ दिख रही है. पार्टी के कट्टरपंथी तत्व सीधे तौर पर हिंदुओं की पसंद से बंधे हैं या इंटरनेट की पहुंच के दायरे को प्रतिबंधित कर या असहमत कार्यकर्ताओं को देश से बाहर जाने को रोक कर बंद दायरे वाली दुनिया में जीना पसंद करते हैं.
महाराष्ट्र और हरियाणा में बीफ की बिक्री और उपभोग पर बंदिश से पता चलता है कि एक आधुनिक देश में अपने नागरिकों को क्या खाना है इसकी उपलब्ध परंपरागगत स्वतंत्रता प्रतिबंधित हो रही है.
चूंकि यह प्रतिबंध अभी तक भाजपा शासित दो राज्यों तक सीमित है, लेकिन इसकी पूरी संभावना है कि केंद्र सरकार भाजपा और उसके सर्वेसर्वा संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे को पूरे देश में विस्तार दे सकती है.
इसके भी संकेत हैं कि भाजपा का हर कोई इस बंदिश के पक्ष में नहीं है. गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने कहा कि केंद्र सरकार क्या कर रही है इसकी परवाह किए बिना राज्य में प्रतिबंध लागू नहीं किया जाएगा, क्योंकि राज्य में बीफ अल्पसंख्यकों के भोजन का अहम हिस्सा है और यह समुदाय राज्य की कुल आबादी का 40 फीसदी है.
जैसा कि कांग्रेस नेता शशि थरूर कभी अपने बारे में कहा करते थे यदि मोदी वास्तव में ‘आधुनिकता और प्रगति के अवतार हैं’ तो उन्हें अपनी पार्टी के अन्य सदस्यों की व्यक्तिगत प्राथमिकताओं एवं गोवा के मुख्यमंत्री जैसे खुली मानसिकता वाले लोगों से उलट भगवा भाईचारा निभाने वाले पार्टी सदस्यों पर अंकुश लगाना होगा.