मोदी की गांधी-लूथर-लिंकन को श्रद्धांजलि
वाशिंगटन | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी ने अमरीका में महात्मा गांधी, मार्टिन लूथक किंग तथा अब्राहम लिंकन के स्मारकों पर जाकर अमरीका को शांति तथा बराबरी का संदेश दिया. गौरतलब है कि अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा महात्मा गांधी तथा मार्टिन लूथर किंग से प्रभावित हैं. वहीं, भारतीय प्रधानमंत्री मोदी का इनके स्मारकों पर जाना अपने आप में अमरीका को संकेत है कि भारत क्या चाहता है. वैसे एक देश के नेता का दूसरे देश के भूतपूर्व नेताओं को श्रद्धाजलिं देना प्रोटोकाल के तहत माना जाता है फिर भी प्रधानमंत्री मोदी के ऐन शिखर वार्ता के पहले इनके स्मारकों पर जाने के अपने निहितार्थ हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग जूनियर और अब्राहम लिंकन को समर्पित शांति, बराबरी और एकता के प्रतीक तीन स्मारकों के दर्शन किए और उसके बाद वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ द्विपक्षीय शिखर बैठक के लिए गए.
हल्के नारंगी रंग का कुर्ता और सफेद नेहरू जैकेट में मोदी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाया. गांधी की यह प्रतिमा वाशिंगटन में भारतीय दूतावास के सामने स्थित है.
मोदी जैसे ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश सचिव सुजाता सिंह के साथ स्मारक पर पहुंचे, वहां मौजूद बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोगों ने ‘मोदी मोदी’ के नारे लगाए.
गौतम पाल द्वारा तैयार की गई आठ फुट आठ इंच ऊंची गांधी की यह कांस्य प्रतिमा चलने की मुद्रा में है.
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने अमरीका दौरे के दौरान 16 सितंबर, 2000 को तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की उपस्थिति में इस गांधी स्मारक को समर्पित किया था.
इसके पहले मोदी अमरीकी मानवाधिकार नेता किंग के स्मारक भी गए, जिन्होंने अश्वेतों के लिए लड़ाई लड़ी थी. वह महात्मा गांधी और अमरीका के 16वें राष्ट्रपति लिंकन से प्रेरित थे. लिंकन ने गुलामों को आजाद करने की घोषणा जारी की थी और अमरीकी संघ को बचाने के लिए गृहयुद्ध का नेतृत्व किया था.
किंग का स्मारक 28 अगस्त, 2011 को लोकार्पित किया गया था. 48 वर्ष पहले इसी तिथि को उन्होंने रोजगार और आजादी के लिए और अपने चर्चित भाषण ‘मेरे पास एक सपना है’ के लिए वाशिंगटन के लिए ऐतिहासिक मार्च निकाला था.
किंग ने अपना यह भाषण पास में ही स्थित लिंकन स्मारक से दिया था.