‘शशि कपूर को ढ़ेरों बधाई’
मुंबई | मनोरंजन डेस्क: शशि कपूर को फाल्के पुरस्कार पाने के लिये प्रधानमंत्री मोदी ने भी बधाई दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने शशि कपूर को अपने जमाने का बेहद चाहे जाने वाला तथा बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताया है. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “बहुमुखी प्रतिभा के धनी और अपने जमाने के बेहद चाहे जाने वाले अभिनेता शशि कपूर को दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करते देखना अद्भुत है. उन्हें ढेरों बधाइयां.” केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को पृथ्वी थियेटर में अभिनेता-फिल्म निर्माता शशि कपूर को सिनेजगत का प्रतिष्ठित सम्मान दादासाहेब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया. 77 वर्षीय शशि कपूर को उनके बेटे कुणाल और बेटी संजना व्हील चेयर के सहारे मंच पर लेकर आए, जहां सम्मान स्वरूप स्वर्ण कमल, 10 लाख रुपये नकद राशि और शॉल ग्रहण करने बाद उन्होंने दोनों हाथ जोड़कर आभार व्यक्त किया.
सिनेमा जगत के प्रतिष्ठित कपूर खानदान के लिए यह तीसरा दादासाहेब फाल्के पुरस्कार है. इससे पहले शशि कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राज कपूर को यह सम्मान मिल चुका है.
जेटली ने कहा, “शशि कपूर भारतीय सिनेमा जगत के एक बहुमुखी शख्सियत हैं. एक बेहतरीन कलाकार जिन्होंने अपने वक्त में सर्वश्रेष्ठ और लगभग हर शैली की फिल्में कीं.”
उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने यहां तक कि कई बेहतरीन फिल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया. व्यावसायिक सिनेमा को वैकल्पिक सिनेमा से जोड़ा, भाषाओं को नई परिभाषा दी और हिंदी सिनेमा को हॉलीवुड के करीब लाए. वह रंगमंच से भी लगातार जुड़े रहे.”
समारोह में शशि कपूर के भतीजे ऋषि कपूर उनकी पत्नी नीतू कपूर, पोते रणबीर कपूर, पोती करिश्मा कपूर और कपूर खानदान के दूसरे सदस्यों के अलावा अभिनेता अमिताभ बच्चन और उनके बेटे अभिनेता अभिषेक बच्चन, अनुभवी अभिनेत्री वहीदा रहमान, आशा पारेख, नफीसा अली, सैफ अली खान और रेखा भी मौजूद थे.
शशि कपूर अस्वस्थ होने के कारण तीन मई को आयोजित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में शामिल होने दिल्ली नहीं जा पाए थे, इसलिए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने मुंबई आकर रविवार को पृथ्वी थियेटर में उन्हें पुरस्कार सौंपा. पृथ्वी थियेटर की शुरुआत शशि और उनकी पत्नी जेनिफर केंडल ने 1978 में की थी.
जेटली ने कहा, “मैं कामना करता हूं कि आपके स्वास्थ्य में सुधार हो और आप दीर्घायु हों. मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.”
कार्यक्रम में शशि कपूर के करियर और निजी जीवन यात्रा पर निर्मित एक विशेष वीडियो भी दिखाया गया. इस वीडियो में अमिताभ, शबाना आजमी, शर्मिला टैगोर, ऋषि कपूर, रणधीर कपूर ने शशि के प्रति अपने विचार व्यक्त किए हैं.
चूंकि आज मदर्स डे भी है, तो कार्यक्रम में ऋषि कपूर ने शशि कपूर का मशहूर एवं लोकप्रिय संवाद ‘मेरे पास मां है’ बोलकर सुनाया, जिस पर उपस्थित लोगों ने तालियां भी बजाईं.
शशि कपूर ने 1940 में बाल कलाकार के रूप में सिनेमा में पर्दापण किया था. 1948 में आई फिल्म ‘आग’ और 1951 में आई ‘आवारा’ में बाल कलाकार के तौर पर उनके अभिनय को विशेष रूप से याद किया जाता है, जिसमें उन्होंने अपने पिता राजकपूर के बचपन की भूमिका निभाई थी.
बड़े होने के बाद 1961 में शशि कपूर पहली बार फिल्म ‘धर्मपुत्र’ में दिखाई दिए और उसके बाद एक के बाद एक 150 से भी ज्यादा हिंदी फिल्मों में काम किया, जिनमें ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, ‘त्रिशूल’, ‘कभी कभी’, ‘विजेता’ और ‘कलयुग’ जैसी फिल्में शामिल हैं.
शशि कपूर अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों में पदार्पण करने वाली भारतीय कलाकारों की पहली जमात में से हैं. उन्होंने मर्चेट आइवरी प्रोडक्शन की ‘द हाउसहोल्डर’ (1960), ‘शेक्सपियर वल्लाह’ (1965), ‘सारा आकाश’ (1969), ‘बाम्बे टॉकीज’ (1970) और ‘हीट एंड डस्ट’ (1982) में काम किया और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की.
उन्होंने ब्रिटिश और अमेरिकी फिल्मों ‘सिद्धार्थ’ (1972) और ‘मुहाफिज’ (1994) में भी काम किया था.
वर्ष 1978 में उन्होंने अपनी फिल्म निर्माण कंपनी ‘फिल्म वालास’ शुरू की और इसके बैनर तले ‘जुनून’, ‘कलयुग’, ’36 चौरंगी लेन’, ‘विजेता’ और ‘उत्सव’ जैसी फिल्में बनाईं.
शशि कपूर तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता रहे हैं. 2011 में उन्हें पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था. नब्बे के दशक के उत्तरार्ध के बाद से उन्होंने फिल्मी चकाचौंध से खुद को दूर कर लिया था.
Shashi Kapoor conferred Dadasaheb Phalke Award-