नक्सलवाद आज अंतिम सांस गिन रहा है-मोदी
अहमदाबाद | डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आज नक्सलवाद भी भारत में अपनी अंतिम सांसें गिन रहा उन्होंने कहा कि हमने धारा 370 को हमेशा के लिए ज़मीन में गाड़ दिया है.
नरेंद्र मोदी ने 31 अक्तूबर को गुजरात के केवड़िया में स्टैच्यु ऑफ़ यूनिटी के पास आयोजित समारोह में बोल रहे थे.
अपने भाषण के शुरुआती दौर में ही नरेंद्र मोदी ने बापू को याद करते हुए कहा-“पूज्य बापू महात्मा गांधी कहा करते थे- विविधता में एकता को जीने के हमारे सामर्थ्य की निरंतर परीक्षा होगी. गांधी जी ने कहा था और आगे कहा था…इस परीक्षा को हमें हर हाल में पास करते रहना है.”
प्रधानमंत्री ने कहा-”जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की दीवार संविधान को रोक देती थी. लोगों को अधिकार से वंचित रखती थी. उसे हमेशा के लिए ज़मीन में गाड़ दिया है. भारत के इतिहास में पहली बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने संविधान की शपथ ली है.”
प्रधानमंत्री ने कहा-“आप नॉर्थ ईस्ट में देखिए, कितने बड़े संकट थे. हमने संवाद से…विकास और विश्वास से, अलगाव की आग को शांत किया. बोडो समझौते ने असम में 50 सालों का विवाद खत्म किया है. ब्रू-रियांग एग्रीमेंट इसके कारण हज़ारों विस्थापित लोग अनेक दशकों के बाद अपने घर लौटे हैं. National Liberation Front of Tripura से हुए समझौते ने, लंबे समय से चल रही अशांति खत्म की है. असम और मेघायल के बीच के सीमा विवाद को काफी हद तक हम सुलझा चुके हैं.”
नक्सलवाद का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा-”जब 21वीं सदी का इतिहास लिखा जाएगा, तो उसमें एक स्वर्णिम अध्याय होगा कि कैसे भारत ने दूसरे और तीसरे दशक में नक्सलवाद जैसी भयानक बीमारी को जड़ से उखाड़कर दिखाया, उखाड़कर के फेंका. आप याद करिए वो समय जब नेपाल के पशुपति से भारत के तिरुपति तक, रेड कॉरिडोर बन चुका था. जिस जनजातीय समाज ने भगवान बिरसा मुंडा जैसे देशभक्त दिए…जिन्होंने हमारे सीमित संसाधनों के बावजूद भी देश के हर कोने में मेरे आदिवासी भाई-बहनों ने आजादी के लिए अंग्रेज़ों का मुकाबला किया…ऐसे जनजातीय समाज में सोची-समझी साजिश के तहत नक्सलवाद के बीज बोये गए, नक्सलवाद की आग भड़काई गई. ये नक्सलवाद, भारत की एकता और अखंडता के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया था. मुझे संतोष है कि बीते 10 साल के अथक प्रयासों से आज नक्सलवाद भी भारत में अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है. आज मेरा आदिवासी समाज उसे भी दशकों से जो प्रतीक्षा थी, वो विकास उसके घर तक पहुंच रहा है, और बेहतर भविष्य का विश्वास भी पैदा हुआ है.”
अर्बन नक्सल का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा,” हमें अर्बन नक्सल के इस गठजोड़ को हमें पहचानना ही होगा. जंगलों में पनपा हुआ नक्सलवाद, बम बंदूक से नौजवानों को गुमराह करने वाला नक्सलवाद जैसे-जैसे ख़त्म होता गया, अर्बन नक्सल का नया मॉडल उभरता गया.”
नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में बढ़ते सामर्थ्य और एकता के भाव से कुछ ताकतें और कुछ विकृत विचार बहुत परेशान हैं. भारत के भीतर और बाहर भी ऐसे लोग भारत में अस्थिरता और अराजकता फैलाने में जुटे हैं.
उन्होंने कहा,”आज हालत ये हो गई है कि आजकल एकता की बात करना तक गुनाह बना दिया गया है. एक समय था, जब हम बड़े गर्व के साथ स्कूल, कॉलेज में, घर में, बाहर सहज रूप से एकता के गीत गाते थे. जो पुराने लोग हैं उनको पता हैं, हम क्या गीत गाते थे- हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं, रंग-रूप वेश-भाषा चाहे अनेक हैं. ये गीत गाए जाते थे. आज की तारीख में कोई ये गीत गाएगा, तो उसको अर्बन नक्सलों की जमात गालियां देने का मौका पकड़ेगी. और आज कोई अगर कह दे कि एक हैं तो सेफ हैं…तो ये लोग एक हैं तो सेफ हैं उसको भी गलत तरीके से परिभाषित करने लगेंगे…जो लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, जो लोग समाज को बांटना चाहते हैं, उन्हें देश की एकता अखर रही है. और इसलिए मेरे देशवासियों हमें ऐसे लोगों से, ऐसे विचारों से, ऐसी प्रवृत्ति से, ऐसी वृत्ति से पहले से भी ज्यादा सावधान होने की जरूरत है, हमें सावधान रहना है.”