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प्रचंड से पशुपतिनाथ तक छा गये मोदी

काठमांडू | समाचार डेस्क: नेपाली माओवादी नेता प्रचंड तथा भट्टराई ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा को नये अद्याय की शुरुआत कहा है. यूं तो इस मुलाकात को परंपरा का नाम दिया जा सकता है जिसमें किसी देश के प्रमुख विरोधी दलों के नेताओं से दौरे के समय मिला जाता है.

वैचारिक तौर पर माओंवादियों से अलग सोच रखने वाले भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल के माओवादी नेताओं से मिलने में कोई कोताही नहीं बरती वहीं, माओवादियों ने भी मोदी के यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई देने वाला माना.

प्रचंड ने मोदी से मुलाकात के बाद कहा, “भारत और नेपाल के बीच नए अध्याय की शुरुआत हो गई है. हमारी बातचीत बेहद लाभदायक और ऐतिहासिक रही है. मोदी ने शांति प्रक्रिया का समर्थन किया.”

एक अन्य माओवादी नेता भट्टराई ने कहा, “हम बातचीत से बेहद संतुष्ट हैं.”

भारत की तरफ से राजशाही को हटाने में मदद करने के बावजूद नेपाली माओवादियों का रुख भारत विरोधी और चीन समर्थक रहा है.

नेपाल में अपनी यात्रा के दूसरे एवं आखिरी दिन मोदी ने पशुपतिनाथ मंदिर में प्रार्थना की और राष्ट्रपति राम बरन यादव और माओवादी नेताओं पुष्प कमल दहाल ‘प्रचंड’ और बाबू राम भट्टराई से मुलाकात की, इन दोनों नेताओं ने देश से राजशाही को हटाने में मुख्य भूमिका निभाई थी.

नेपाली संसद में भाषण देने के बाद मोदी ने सोमवार को प्रधानमंत्री सुशील कोइराला की उपस्थिति में राम बरन यादव के साथ दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के उपाय पर चर्चा की.

दोनों की 15 मिनट की बैठक के बारे में अभी विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है. इसके बाद दोपहर के भोजन का प्रबंध किया गया, जिस दौरान गुजराती और शाकाहारी व्यंजन परोसे गए.

नेपाल की आर्थिक प्रगति के लिए मोदी की प्रतिबद्धता व स्पष्टवादिता और कार से उतर कर आम लोगों से उनका मिलना, इन सब चीजों ने देश में कईयों को उनका मुरीद बना दिया.

भारत-नेपाल मित्रता संधि, 1950 पर पुनर्विचार करने पर सहमत होने पर राजनीतिज्ञ और भारत विरोधी भावना रखने वाले नेता भी उनकी तारीफ करते नजर आए.

पिछले 17 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की नेपाल की पहली आधिकारिक यात्रा के तहत नेपाल पहुंचे मोदी ने अखबारों में भी सुर्खियां बटोरीं, किसी अखबार का कहना था कि मोदी ने लोगों का दिल जीता, तो किसी की सुर्खियां थी कि संसद में मोदी के भाषण ने सांसदों को मुरीद बना दिया.

मोदी ने रविवार को कार से उतर कर सड़क किनारे खड़े आम लोगों से हाथ मिलाया, इस दौरान कई लोग ‘नरेंद्र मोदी जिंदाबाद’ और ‘मोदीजी की जय हो’ के नारे लगाते नजर आए.

मोदी के अनुसार, सोमवार को उनका दिन पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करने के कारण खास रहा. उन्होंने कहा कि वह भगवान शिव की प्रार्थना कर धन्य महसूस कर रहे हैं.

केसरिया रंग के कुर्ता पायजामा पहने मोदी पशुपतिनाथ पहुंचे. मंदिर के बाहर ब्राह्णों ने उनका स्वागत वेद मंत्र का उच्चारण करते हुए किया.

मोदी ने मंदिर परिसर के अंदर 400 बिस्तरों वाले धर्मशाला के निर्माण के लिए 25 करोड़ रुपये का अनुदान दिया. उन्होंने इसके साथ ही 25,00 किलोग्राम के चंदन की लकड़ी भी भगवान शिव को अर्पित की.

मंदिर प्रबंधन कमेटी ने उन्हें पशुपतिनाथ की तस्वीर भेंट की. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाली जनता से फिर से नेपाल आने का वादा किया है.

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