भारत प्रौद्योगिकी संपन्न देश: मोदी
न्यूयार्क | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भारत सांप-संपेरों का देश नहीं है. उन्होंने कहा कि आज भारत का युवा कंम्प्यूटर के माउस से खेलता है. न्यूयार्क के मैडिसन स्क्वॉयर में सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत तकनीक का देश है, सूचना प्रौद्योगिकी संपन्न देश है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की आबादी का 65 फीसदी 35 से कम उम्र का है. भारत एक नौजवान देश है. प्रधानमंत्री मोदी ने बार-बार इस बात को रेखांकित किया कि भारत की आबादी सवा अरब की है तथा भारत एक विशाल बाजार है. इसलिये उसकी अनदेखी कोई भी देश नहीं कर सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि 21वीं सदी भारत की हो सकती है, क्योंकि हमारे पास सामर्थ्य है, संभावनाएं हैं और अब संयोग भी है. उन्होंने कहा कि भारत के पास तीन चीजें हैं जो किसी के पास नहीं है. वह है-लोकतंत्र, युवा शक्ति और मांग. इसी की बदौलत हम नई ऊंचाइयों को छुएंगे.
न्यूयार्क स्थित मैडिसन स्क्वायर गार्डन में आयोजित स्वागत समारोह में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पूरा विश्व मानता है कि 21वीं सदी एशिया की सदी है. कोई कहता है कि एशिया की सदी है तो कोई कहता है भारत की सदी है. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत की हो सकती है, क्योंकि हमारे पास सामर्थ्य हैं, संभावनाएं हैं और अब संयोग भी है.
मोदी ने कहा कि भारत एक अद्भुत देश है जहां सबसे पुरानी सभ्यता है आबादी सबसे युवा है.
उन्होंने कहा कि भारत के पास तीन चीजें हैं जो किसी के पास नहीं है. वह है-लोकतंत्र, युवा शक्ति और मांग. लोकतंत्र हमारी सबसे बड़ी पूंजी और सबसे बड़ी ताकत है. युवा शक्ति से बड़ी संपदा और क्या हो सकती है. सवा अरब लोगों का देश है और इसकी वजह से यहां जबर्दस्त डिमांड है. इन्हीं की बदौलत भारत नई ऊंचाइयों को पार करेगा.
उन्होंने कहा कि गांधी जी ने हमें आजादी के आंदोलन को जनआंदोलन बना दिया. हमें उसी तरह विकास को भी जनांदोलन बनाना होगा.
इस स्वागत समारोह में अमरीका के करीब 50 सीनेटर पहुंचे. स्वागत समारोह में करीब 18 हजार भारतीय प्रवासी शामिल हुए. गायिका कविता कृष्णमूर्ति ने राष्ट्र गान गाकर लोगों का दिल जीत लिया. मोदी के समारोह स्थल पर पहुंचते ही बड़ी तादाद में लोग मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे. यह नारा काफी देर लगता रहा. इसके बाद मोदी का भाषण शुरू हुआ.
अपने भाषण की शुरुआत में उन्होंने कहा कि भारत को सांप और सपेरे का देश समझा जाता था. लेकिन आज सूचना प्रौद्योगिकी में हम काफी आगे निकल गए हैं.
उन्होंने कहा कि ताइवान में मुझसे किसी ने पूछा कि भारत सांप-सपेरे का देश है? तो मैंने कहा कि ऐसा नहीं है, अब स्थिति बदल गई है. हमारे पूर्वज सांपों से खेलते थे और हम माउस से खेलते हैं. गौरतलब है कि इसी मैडिसन स्क्वॉयर में मोदी 2005 में एक सभा को संबोधित करने वाले थे. उस समय उन्हें अमरीका ने वीजा देने से इंकार कर दिया था. करीब 9 वर्षो के बाद जब मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने तो उन्हे सुनने किये भारतीयों के साथ-साथ अमरीकी सांसद भी उपस्थित थे.