विविध

मोदी राज में सरकारी दफ्तर चकाचक

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन का असर अब सरकारी दफ्तरों में दिखने लगा है. देश भर में बाबूगिरी के लिए विख्यात नौकरशाही चौकन्नी नजर आ रही है और दफ्तरों का कायाकल्प भी हो रहा है.

कहीं कोने में पड़ा रहने वाली झाड़ू अब काम पर है और धूल-झोल साफ किए जा रहे हैं. पुराने और टूटे फर्नीचरों की जगह नए लाए जा रहे हैं. राजधानी के अधिकांश सरकारी भवनों में जहां-तहां इस्तेमाल हो चुके खाली चाय के कप और पान के पीक के दाग पूरी तरह से साफ किए जा रहे हैं. यह सब प्रधानमंत्री के साफ-सफाई और स्वस्थ वातावरण रखने के निर्देश पर हो रहा है. इस बात की झलक सोमवार को संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी दिखी.

पुरानी फाइलों का ढेर, धूल भरे और वर्षो से बेकार पड़े टूटे फर्नीचरों को अब फेंका जा रहा है. यह दृश्य शास्त्री भवन, जहां अधिकांश महत्वपूर्ण मंत्रालयों और भारत सरकार के कई दफ्तर मौजूद हैं, में देखा जा रहा है.

हर मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी सफाई अभियान की देखरेख कर रहे हैं. इससे पहले अपने रोजमर्रा के कामकाज के दौरान इसकी सुधि कई वर्षो तक नहीं ले सके थे.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर बताया, “हम सभी पुराने और टूटे हुए फर्नीचर हटा रहे हैं. हम कमरों, बारामदे की और यहां तक कि शौचालयों की जांच कर रहे हैं ताकि हर जगह सफाई सुनिश्चित हो सके.”

बदलाव का असर बाबुओं के दफ्तर में आने के समय पर भी पड़ा है. सभी अधिकारियों को 9 बजे सुबह रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है.

एक अन्य अधिकारी ने बताया, “पहले अधिकारी जैसे चाहते थे वैसे आते थे. 11 बजे 11:30 बजे. कोई भी परवाह नहीं करता था. अब सुबह 9 बजे रिपोर्ट करने का समय बांधा गया है और शाम 6 बजे तक काम करना है, लेकिन अधिकतर वरिष्ठ अधिकारी रात 8 बजे तक रुक रहे हैं.”

पहले शनिवार को कोई भी नहीं आता था, लेकिन अब काम रहने पर अधिकांश अधिकारियों को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है. नई सरकार बनने के बाद से सभी वरिष्ठ अधिकारी शनिवार को भी पहुंचते हैं और शाम 6 बजे तक जमे रहते हैं.

error: Content is protected !!