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10 जुलाई से अच्छे दिनों का आगाज़ ?

नई दिल्ली | एजेंसी: मोदी सरकार के पहले बजट पर टिकी हैं निगाहें. काफी दिनों बाद देश के राजनीति में स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाने वाली, मोदी सरकार से लोगों ने काफी उम्मीदें लगा रखी हैं. इसके लिये और ज्यादा दिनों का इंतजार नहीं करना पड़ेंगा.

10 जुलाई को मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरूण जेटली संसद में आम बजट पेश करने के साथ तमाम कयासों पर विराम लगा देंगे कि अगले पॉच वर्षो तक देश किस दिशा में आगे बढ़ेगा.

आम आदमी को जहां उम्मीदें हैं कि उसके लिये सरकार महंगाई पर कठोर नियंत्रण रखने के उपाय करेगी वहीं उद्योग जगत अपने लिये निवेश के अच्छे वातावरण की उम्मीदे लगाये बैठा है.

विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी ने चुनाव पूर्व रोजगार बढ़ाने, महंगाई घटाने और विकास में तेजी लाने के वादे किए थे, जिससे उम्मीदें जगी हैं कि अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए कदम उठाए जाएंगे.

देश में केपीएमजी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड रेखी ने कहा, “लोगों को उम्मीद है कि बजट विकास में तेजी लाएगा, महंगाई घटाने वाला होगा और राजकोषीय घाटा कम करने वाला होगा.”

जेटली ने हाल ही में कहा था कि उनका बजट लोकलुभावन नहीं होगा और विकास में तेजी लाने के लिए साहसिक कदम उठाए जाएंगे.

माना जा रहा है कि कर छूट की सीमा को वर्तमान दो लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया जाएगा. कुछ खास खर्चो और पेंशन तथा जीवन बीमा में किए गए निवेश पर भी कर छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है.

जेटली ने वाहन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र के लिए पहले ही उत्पाद शुल्क छूट की अवधि को छह महीने के लिए बढ़ा दी है.

मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक राजेश सूद ने कहा, “बजट में स्पष्ट संदेश होना चाहिए कि भारत कारोबारी गतिविधि के लिए खुला रवैया रखता है. यह भ्रष्टाचार विरोधी है और आम आदमी की जीवन दशा बेहतर करना चाहता है.”

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया है कि उम्मीद है कि बजट विकास परक होगा.

यह भी माना जा रहा है कि चुनावी घोषणा के मुताबिक मूल्य स्थिरता कोष की घोषणा की जाएगी.

जीई दक्षिण एशिया के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनमाली अग्रवाल ने उम्मीद जताई कि महंगाई कम करने के लिए आपूर्ति की बाधा दूर की जाएगी.

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