मोदी की पहुंच यूपी-बिहार तक: सर्वे
नई दिल्ली | एजेंसी: 2014 के आम चुनाव में भाजपा, कांग्रेस से आगे रहने के बावजूद सरकार बनाने की स्थिति में नही होगी. केन्द्र में सरकार बनाने का सारा दामोदार क्षेत्रीय पार्टियों के रुख पर निर्भर करेगा. बिहार तथा उत्तरप्रदेश में भाजपा को मोदी के कारण बढ़त तो मिलेगी लेकिन दिल्ली फिर भी उनसे दूर रहेगी.
गौर तलब है कि टीवी-टाइम्स नाउ-सी वोटर के सर्वेक्षण में दर्शाया गया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन से ज्यादा सीटें हासिल होंगी.
इस सर्वेक्षण के मुताबिक जहां भारतीय जनता पार्टी नीत राजग 2009 के संख्या बल 159 से ज्यादा 186 सीटें हासिल करेगा, वहीं कांग्रेस नीत संप्रग 259 से खिसक कर 117 पर आ जाएगा.
क्षेत्रीय पार्टियों को वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनावों में 543 सदस्यीय लोकसभा में कम से कम 240 सीटें मिलेंगी और सरकार बनाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी. यह दावा बुधवार को एक सर्वेक्षण में किया गया है.
केंद्र में सरकार गठन में क्षेत्रीय पार्टियां एआईएडीएमके, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, वाम मोर्चा, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी.
सर्वे में कहा गया है कि राजग को 35 प्रतिशत, संप्रग को 27 प्रतिशत और क्षेत्रीय पार्टियों को 38 प्रतिशत मत मिलेंगे.
पार्टीवार ब्योरे में कहा गया है कि कांग्रेस को 2009 में मिले 206 सीटों के मुकाबले 102 सीटें मिलेंगी और भाजपा जिसे पिछले चुनाव में 116 सीटें मिली थी, को 162 सीटों पर जीत हासिल होगी.
वाम मोर्चा 32 सीटें, बसपा 31, एआईएडीएमके 28, सपा 25, तृणमूल 23 राजद 14 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है. आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस और टीआरएस 13 सीटों पर कब्जा कर सकती हैं.
बिहार में सत्ताधारी जनता दल युनाइटेड को सिर्फ 9 सीटें ही मिल सकती हैं. पिछले चुनाव में पार्टी को 20 सीटें मिली थी.
तमिलनाडु में विपक्षी डीएमके की मौजूदा सदस्य संख्या 18 से घटने की आशंका है और पार्टी को 5 सीटें ही मिल सकती हैं.
यह सर्वेक्षण साफ तौर पर दर्शाता है कि नरेन्द्र मोदी भाजपा को बढ़त तो दिलवा सकते हैं लेकिन दिल्ली फिर भी उनके लिये दूर है. सरकार बनाने के लिये भाजपा तथा कांग्रेस को क्षेत्रीय पर ही निर्भर होना पड़ेगा.