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बलौदा बाज़ार कांड में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव गिरफ़्तार

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को बलौदा बाज़ार पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है.

बलौदा बाज़ार में कलेक्टर और एसपी कार्यालय जलाने के मामले में  एफआईआर दर्ज़ किया गया था.

देवेंद्र यादव के ख़िलाफ़ आरोप है कि उन्होंने भीड़ को भड़काने वाला भाषण दिया था.

इस मामले में बलौदा बाज़ार पुलिस पहले भी उनसे पूछताछ कर चुकी थी.

शनिवार की सुबह जब बलौदा बाज़ार की पुलिस विधायक देवेंद्र यादव के भिलाई स्थित निवास पहुंची तो कई घंटों तक उनके समर्थकों ने पुलिस को घर के भीतर घुसने नहीं दिया.

इसके बाद कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, दूसरे नेताओं के साथ देवेंद्र यादव के घर पहुंचे.

लंबी बातचीत के बाद शाम को देवेंद्र यादव को गिरफ़्तार कर लिया गया.

गिरफ़्तारी से पहले देवेंद्र यादव ने एक बयान में कहा कि उन्हें सतनामी समाज के आम लोगों की आवाज़ उठाने के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार प्रताड़ित कर रही है.

उन्होंने कहा कि वे ऐसी हरकतों से न डरेंगे, न झुकेंगे.


देवेंद्र यादव महापौर रह चुके हैं.

वे कांग्रेस की टिकट पर दूसरी बार विधायक बने हैं.

गृहमंत्री ने कहा- जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे

इधर कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पुलिस लगातार दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई कर रही है.

उन्होंने कहा कि भाजपा नेता सनम जांगड़े की भूमिका पूरे कार्यक्रम में रही. इसके बावजूद भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस मामले में देवेंद्र यादव की कोई भूमिका नहीं थी. फिर भी उन्हें गिरफ्तार किया गया है.

दूसरी ओर देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि विधायक देवेंद्र यादव पुलिस को सहयोग नहीं कर रहे थे. इस वजह से उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा है.

विजय शर्मा ने कहा कि इस घटना में कोई भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

उन्होंने कहा कि देवेंद्र यादव ने गिरफ्तारी के दौरान सफेद झंडा का सहारा लिया है. वो समाज विशेष को गिरफ्तारी से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

गृहमंत्री ने कहा कि किसी भी प्रकार की दुर्भावना से कार्रवाई नहीं की गई है.

क्या था मामला

इस साल 15 मई की रात बलौदा बाज़ार ज़िले के गिरौधपुरी से लगे एक इलाके में धार्मिक प्रतीक जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था.

इसके विरोध में 10 जून को सतनामी समाज के हजारों लोग कलेक्टोरेट के पास दशहरा मैदान में प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए थे.

जैतखाम क्षतिग्रस्त करने के मामले में तीन लोगों के गिरफ्तार किया गया था, लेकिन लोगों का आरोप था कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं.

पुलिस जानबूझकर दोषियों को बचा रही है.

इसी बात को लेकर 10 जून को प्रदर्शन हुआ, जिसमें उग्र भीड़ ने कलेक्टर, एसपी, पंचायत समेत कई सरकारी कार्यालयों और वाहनों में आग लगा दी थी.

इसके बाद ज़िले के कलेक्टर और एसपी का तबादला किया गया था.

बाद में दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था.

इस मामले में अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

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