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गहलोत ने अधिकारियों से कहा-आप हम नौकर हैं, कार्यकर्ता आएं तो खड़े हों

भीलवाड़ा | डेस्कः राजस्थान सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत ने अधिकारियों को सलाह दी है कि हम और आप नौकर हैं, कार्यकर्ता जब आए तो उनका खड़े होकर सम्मान करें.

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत रविवार को भीलवाड़ा में माली समाज के कार्यक्रम में शामिल होने आए थे.

सर्किट हाउस में बैठक लेते हुए वह अधिकारियों पर भड़क गए. उन्होंने अफ़सरों को साफ-साफ कहा कि सबको ईमानदारी से काम करना होगा.

मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि अधिकारियों से कहा कि कार्यकर्ता आवश्यक काम के लिए आपके पास फोन करता होगा, उन्हें संतोषजनक जवाब मिलना चाहिए.

मंत्री ने कहा कि कार्यकर्ताओं का मेरे पास फोन आया तो मैं समझूंगा आपने काम नहीं किया.

अविनाश गहलोत ने कहा कि मुझे शिकायत नहीं मिलनी चाहिए, नहीं तो आप लोगों के खिलाफ कार्रवाई करूंगा.

उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी ईमानदारी से काम करें. किसी भी व्यक्ति को जिला मुख्यालय तक दौड़ न लगवाएं. ब्लॉक स्तर पर ही सभी कामों को निपटाएं.

मंत्री गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सेनापति के रूप में मजबूती से कार्य कर रहे हैं. हम मंत्री उनके सिपाही हैं.

डिप्टी डायरेक्टर को बार-बार टोका

मंत्री ने कहा कि नवाचार के रूप में प्रदेश भर के 800 के करीब हॉस्टल्स के नवीनीकरण के लिए बड़ा पायलट प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं.

उन्होंने डिप्टी डायरेक्टर सतपाल जांगिड़ से कहा कि हमको पीएम नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुसार काम करना है. दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना हमारे पीएम मोदी और सीएम भजनलाल शर्मा का सपना है. प्रधानमंत्री की भावनाओं को आम भावनाओं से आम आदमी को दिलाओ.

इस पर डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि काम को लेकर प्रदेश के टॉप 5 जिलों में भीलवाड़ा का नाम है. भीलवाड़ा में कोई भी काम पेंडिंग नहीं है.

इतना सुनते ही मंत्री गहलोत भड़क गए. उन्होंने कहा- आप नौकर हैं, आपकी जिम्मेदारी है सरकार के काम को ईमानदारी से पूरा करें.

गहलोत ने कहा कि हमारे भाजपा के कार्यकर्ता काफी साइलेंट वर्कर हैं. वे बेवजह किसी को परेशान नहीं करते हैं. आपके पास कभी भी कोई कार्यकर्ता आए तो सीट से उठकर खड़े होकर, उससे सम्मान से बात करें.

अविनाश गहलोत ने नहीं दिया अधिकारियों को बोलने का मौका

इस दौरान मंत्री गहलोत ने किसी भी अधिकारी को बोलने का मौका नहीं दिया.

अधिकारी कुछ बोलने का प्रायस करते, तो उन्हें टोकते हुए रोक देते थे.

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ये सारी बातें मैं किसी एक के बारे नहीं कह रहा हूं, मैं सबके लिए कह रहा हूं. सभी अपने काम के प्रति जवाबदार हो जाएं.

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