राज्यपाल षणमुगनाथन का इस्तीफा मंजूर
नई दिल्ली | संवाददाता: मेघालय के राज्यपाल षणमुगनाथन का इस्तीफा राष्ट्रति ने मंजूर कर लिया है. राज्यपाल पर राजभवन की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप कर्मचारियों ने लगाया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने राजभवन को ‘लेडिज क्लब’ में तब्दील करके रख दिया था. राज्यपाल के खिलाफ राजभवन के 98 कर्मचारियों ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुये सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी.
कर्मचारियों ने चिट्ठी में आरोप लगाया गया कि राज्यपाल ने राजभवन की गरिमा को गंभीर ठेस पहुंचाया और इसे ‘लेडीज क्लब’ में तब्दील कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया था, “यह ऐसा स्थान बन गया जहां राज्यपाल के सीधे निर्देश पर युवतियां आती और जाती थीं. उनमें से कई की उनके बेडरूम तक पहुंच थी.”
कर्मचारियों ने दावा किया था कि राज्यपाल के आवास की सुरक्षा के साथ भी समझौता किया गया. इस पत्र में कहा गया कि राज्यपाल ने रात की ड्यूटी पर दो पीआरओ, एक कुक और एक नर्स को नियुक्त किया और ये सभी महिलायें हैं. महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने षणमुगनाथन को पद से हटाने के लिये हस्ताक्षर अभियान छेड़ दिया था.
गौरतलब है कि यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद पद छोड़ने वाले वी षणमुगनाथन संघ के जीवनदानी प्रचारक रहे हैं यानी ऐसे प्रचारक जो जीवन भर ब्रह्मचर्य का पालन करने का व्रत लेते हैं.
मेघालय के राज्यपाल वी षणमुगनाथन ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को तमिलनाडु में मज़बूत बनाने में लगाया.
परंपरागत तौर पर दक्षिण भारत में संघ की उतनी पैठ नहीं रही है जितनी उत्तर और पश्चिमी भारत में, इस लिहाज से षणमुगनाथन का काम काफ़ी कठिन था, उन्होंने 45 साल से अधिक समय संघ को गाँव-गाँव में पहुँचाने में लगाया.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले साल 2009 में आंध्रप्रदेश के राज्यपाल रहे एनडी तिवारी पर भी इसी तरह के रंगीन मिजाजी का आरोप लगा था. उनकी एक सीडी भी आई थी जिसके बाद उन्हें भी अपने पद से इस्तीफा दे देना पड़ा था.