छत्तीसगढ़ में महंगी दवा खरीदने की मजबूरी
रायपुर | संवाददाता: केन्द्र सरकार द्वारा जारी दवा मूल्य नियंत्रण आदेश के करीब चार महीने बाद भी छत्तीसगढ़ की दवा दुकानों में महंगी पुरानी दवाइयां बिक रही हैं. राज्य की दवा दुकानों में संशोधित दर की सस्ती दवाओं का अता-पता नहीं है. दवा विक्रेताओं संघ का कहना है कि उनके संगठन की ओर से सभी दवा विक्रेताओं को 250 किस्म की सस्ती दवाओं की सूची भेजी गई है.
उनसे कहा गया है कि वे पुरानी दवाओं को संबंधित कंपनियों को वापस कर सस्ती दर की नई दवाओं की बिक्री करें जिससे आम जनता को सस्ती दवाएं जल्द मिलने लगे.
बताया गया कि केन्द्र सरकार ने 378 एलोपैथिक दवाओं को अपने मूल्य नियंत्रण में ले लिया है. वहीं इन दवाओं का एक औसत मूल्य निकाल कर उसकी नई कीमतें तय की है.
इस आदेश के तहत दवाओं की कीमतों में 30 से 70 फीसदी तक की कमी आई है. केन्द्र सरकार ने इसकी अधिसूचना 15 मई 2013 को जारी की है. अधिसूचना के हिसाब से सस्ती दवाइयों की बिक्री 45 दिनों में शुरू होनी थी, लेकिन अभी तक अधिकांश दवाइयों का अता-पता नहीं है.
बताया गया कि घाटे से बचने के लिए संबंधित दवा कंपनियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका लगाकर पुरानी दवाओं की दुकानों से वापसी के लिए और समय की मांग की. इस दौरान हाईकोर्ट ने उन्हे एक माह का और समय दिया और कहा कि संबंधित दवा कंपनी अपनी पुरानी दवा बाजार से उठाकर कर कम कीमत की नई दवा दुकानदारों के दें.
इस आदेश के बाद कुछ कंपनियां अपनी दवा वापस ले गई. वहीं अधिकांश कंपनियां नुकसान को देखते हुए अपनी अधिक कीमत की पुरानी दवा दुकानों से नहीं उठा रही है. लिहाजा दुकानदार पुरानी दवाओं को ही अधिक दर पर बेचने मजबूर हैं.
दवा व्यापारी संघ के मीडिया प्रभारी अश्वनी विग का कहना है कि केन्द्र सरकार ने 378 किस्म की एलोपैथिक दवाओं की कीमतें घटा दी है. इसके बाद भी अधिकांश सस्ती दवा विक्रेताओं तक नहीं पहुंच पाई है. दवा कंपनी अपनी पुरानी दवा भी नहीं उठा रही हैं. इसकी वजह से दुकानदार उक्त दवा को अधिक दर पर बेचने विवश हैं. इससे आम जनता को भी अधिक भार भी पड़ रहा है.
उनका कहना है कि आदेश के बाद अधिकांश एलोपैथिक दवाओं की कीमतें 30 से 70 फीसदी तक गिर गई है. दर्द निवारक इंजेक्शन की कीमत सस्ती हुई है. आयरन गोली की दर 40 फीसदी एवं एड्स दवा की दर 70 फीसदी तक गिर गई है. इसी तरह बाकी दवाओं की कीमत भी कम हो गई है. दुकानों में उपलब्ध न होने से दुकानदार अधिक दर की पुरानी दवाओं को ही बेच रहे हैं.
श्री विग ने बताया कि इस संबंध में सभी दवा विक्रेताओं को एक पत्र जारी किया गया है. दुकानदारों से कहा गया है कि वे संबंधित कंपनियों को उनकी पुरानी दवा वापस कर नई दर की सस्ती दवा मंगाएं, ताकि आम जनता पर और बोझ न पड़े. इसके लिए उन्हे 250 किस्म की सस्ती दवाओं की सूची भी भेज दी गई है.