ख़बर ख़ासछत्तीसगढ़ताज़ा खबर

नौकरी के इंतजार में बूढ़े हो रहे हैं पदक विजेता खिलाड़ी

रायपुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ सरकार पिछले आठ साल से उत्कृष्ट खिलाड़ी संशोधन नियम को सुलझा नहीं पा रही है. इसके चलते सरकार ना उत्कृष्ट खिलाड़ियों की घोषणा कर पा रही है, ना ही किसी खिलाड़ी को नौकरी दे रही है.

सरकार की इस सुस्त प्रक्रिया के चलते प्रदेश को गौरवान्वित करने वाले कई खिलाड़ी नौकरी के इंतजार में उम्रदराज हो गए पर उन्हें नौकरी नहीं मिली. इस वजह से पदक विजेता खिलाड़ियों में मायूसी छाई हुई है.

प्रदेश में 2016 से उत्कृष्ट खिलाड़ी की घोषणा नहीं हुई है. इसका मुख्य कारण साल 2007 में बने उत्कृष्ट खिलाड़ी नियमों में संशोधन प्रक्रिया को बताया जा रहा है. जबकि इस नियम की समीक्षा के लिए खेल विभाग ने 7 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था.

बताया जा रहा है कि खेल संचालक की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने नियमों की समीक्षा कर इसमें कुछ बदलाव कर इसे फाइनल कर दिया है. इसके बाद शासन के पास स्वीकृति के लिए भी भेज दिया गया है. इसके बाद भी सरकार का इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं आया है.

इस संबंध में खेल एवं युवा कल्याण विभाग का कहना है कि उत्कृष्ट खिलाड़ी अधिनियम 2007 में संशोधन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इस पर अंतिम निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समिति का गठन हो गया है. शीघ्र ही समिति की बैठक बुलाई जाएगी. इसके बाद उत्कृष्ट खिलाड़ी के नामों की घोषणा की जाएगी.

खिलाड़ियों के लिए 2 फीसदी पद आरक्षित

नौकरी के लिए भटक रहे खिलाड़ियों का कहना है कि राज्य के सभी शासकीय विभागों में खाली पदों के 2 फीसदी पद उत्कृष्ट खिलाडि़यों के लिए आरक्षित हैं. लेकिन सरकार ने कई सालों से उत्कृष्ट खिलाड़ियों की घोषणा ही नहीं की है. जिस वजह से खिलाड़ियों के लिए आरक्षित पदों पर उन्हें नौकरी नहीं दी जा रही है. सरकार ने साल 2015 तक 100 से ज्यादा उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किए थे. उनमें से कई खिलाड़ी वर्तमान में नौकरी कर रहे हैं.

राज्य सरकार द्वारा उत्कृष्ट खिलाड़ी के लिए साल 2018-19 में आवेदन मंगवाया गया था. जिसमें खेल विभाग को कुल 344 आवेदन मिले थे. इसके बाद साल 2019-20 फिर आवेदन मंगवाया गया था. इस साल 439 आवेदन मिले थे. दोनों वित्तीय वर्ष के आवेदनों की जांच करने पर पता चला कि 125 खिलाड़ियों ने दोनों साल आवेदन किए थे.

आवेदनों की छटनी के बाद कुल 651 खिलाड़ियों के आवेदनों की स्क्रूटनी की गई, जिसमें लगभग 200 खिलाड़ी पुराने नियमों के अनुसार उत्कृष्ट खिलाड़ी के लिए पात्र पाए गए. वहीं, 450 खिलाडि़यों के आवेदन अपात्र कर दिए गए. इसके बाद से खेल विभाग ने उत्कृष्ट खिलाड़ी के लिए आवेदन नहीं मंगाए हैं.

बताया जा रहा है कि पूर्व में जिन खिलाड़ियों ने आवेदन किए थे, वे पुराने नियमों के हिसाब से पात्र हैं. लेकिन अब नियमों में संशोधन होने से कई खिलाड़ी अपात्र हो जाएंगे. ऐसे में इन खिलाड़ियों को नौकरी मिलना मुश्किल हो जाएगा.

ये नियम लागू होने की संभावना

कहा जा रहा है साल 2007 के नियम में संशोधन कर इस नियम को लागू किया जा सकता है.

जिसमें अब ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, एशियाड में प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ी पात्र होंगे. वहीं, नान ओलंपिक अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वालों को भी पात्र माना जाएगा.

इसी तरह राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में पदक जीतने वालों और शहीद राजीव पांडेय अवार्डी खिलाड़ी भी उत्कृष्ट खिलाड़ी के लिए पात्र माने जाएंगे. इसी प्रकार ओलंपिक खेलों के पदक विजेता खिलाडि़यों को भी प्राथमिकता दी जाएगी. साथ ही विश्वविद्यालयीन गेम्स व नान ओलंपिक खेल के पदक विजेता खिलाडि़यों के लिए नियम कड़े किए जाएंगे.

error: Content is protected !!