छत्तीसगढ़

बलौदा बाज़ार हिंसा: मायावती ने चुप्पी तोड़ी

रायपुर | संवाददाता: बलौदा बाज़ार में कलेक्टर-एसपी कार्यालय को जलाने और हिंसा के मामले को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने चिंता जताई है.

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि उक्त घटना की आड़ में शासन प्रशासन द्वारा निर्दोष सतनामी समाज के लोगों की गिरफ्तारी व मारपीट के ऊपर रोक लगाई जाये तथा उन्हें बिना शर्त तत्काल रिहा किया जाये व असली दोषियों के ऊपर जांच कर कार्यवाही की जाये.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज के आस्था के केन्द्र गिरौदपुरी से लगा हुआ अमर गुफा में असामाजिक तत्वों के द्वारा परमपूज्य बाबा गुरूघासी दास जी के जय स्तंभ को काटकर फेक दिया जाना अति-चिन्ताजनक.


उन्होंने लिखा कि इसके विरोध में सतनामी समाज द्वारा CBIजांच की मांग को लेकर बलौदा बाजार में किये गये धरना प्रदर्शन के दौरान कलेक्टर परिसर में षड्यंत्रकारी असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़-फोड़ आदि की घटना भी अति निदंनीय है.

क्या हुआ था

15 मई की रात को गिरौधपुरी से लगे हुए एक इलाके में धार्मिक प्रतीक जैतखाम में तोड़फोड़ करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं होने से नाराज़ सतनामी समाज के लोगों ने सोमवार को बलौदा बाजार-भाटापारा जिले के कलेक्टर, एसपी, पंचायत समेत कई सरकारी कार्यालयों में आग लगा दी थी.

इसके अलावा 77 गाड़ियों को आग लगा दी गई थी. यहाँ तक कि आग बुझाने के लिए पहुँची दमकल की दो गाड़ियों को भी भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था.

उग्र भीड़ इस बात के लिए अड़ी हुई थी कि उनके धार्मिक प्रतीकों को तोड़ने के मामले में राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यायिक जाँच के बजाय, सीबीआई से जाँच कराई जाए.

इस मामले में राज्य सरकार ने तत्कालीन कलेक्टर के एल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को पहले वहां से हटाया और इसके बाद दोनों को निलंबित भी कर दिया.

बलौदा बाज़ार हिंसा के मामले में पुलिस ने सौ से अधिक लोगों को अब तक गिरफ़्तार किया है और यह सिलसिला जारी है.

क्यों नाराज़ था सतनामी समाज

असल में सतनामी समाज के धर्म स्थल गिरौदपुरी धाम के पास 15-16 मई को तोड़फोड़ की गई थी.

गिरौदपुरी धाम से लगभग पांच किलोमीटर दूर एक मानाकोनी बस्ती में बाघिन गुफा है.

आरोप है कि इसी स्थल पर जैतखाम और पूजा स्थल में तोड़-फोड़ की गई थी.

इस मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.

लेकिन समाज का आरोप है कि जिन्हें गिरफ़्तार किया गया है, वो असली आरोपी नहीं हैं.

इसके बाद से ही सतनामी समाज मामले की जांच की मांग कर रहा था.

हालांकि राज्य सरकार ने मामले की न्यायिक जांच की घोषणा कर दी थी.

लेकिन इसके बाद भी सोमवार को नाराज़ा भीड़ ने कलेक्टर, एसपी समेत कई सरकारी कार्यालयों को आग लगा दी थी.

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